ऊना, 19 फरवरी : हिमाचल के ऊना शहर के वार्ड नंबर 2 निवासी संजीव शर्मा की सऊदी अरब में बीमारी के चलते करीब 1 माह पहले मौत हो गई थी। संजीव के परिजन उसके शव को भारत लाए जाने की मांग कर रहे थे। लेकिन रहस्यमयी परिस्थितियों में सऊदी अरब में संजीव शर्मा के शव को दफनाए जाने की घटना सामने आने के बाद जहां एक तरफ परिजनों में गुस्सा भड़क उठा है, वहीं देश की सरकारी व्यवस्थाओं पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं।
मृतक संजीव शर्मा के घर में मानसिक रूप से विक्षिप्त उनकी धर्मपत्नी और तीन बेटियां मौजूद हैं, जिनमें से एक बेटी दिव्यांग बताई जा रही है। इतना ही नहीं संजीव शर्मा की मौत के बाद लाश के इंतजार में घर में बैठी मां ने भी दम तोड़ दिया है।
शुक्रवार को संजीव के परिजनों ने जिला मुख्यालय पहुंच डॉ. अमित कुमार शर्मा से मुलाकात की और संजीव के शव को वापस लाने की मांग एक बार फिर उठाई। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा है कि यदि आप भी उनकी मांग पर कोई कार्यवाही नहीं होती है तो उन्हें सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
मृतक संजीव शर्मा की बेटी नैंसी शर्मा ने बताया कि उनके पिता 23 वर्षों से सऊदी अरब में एक कंपनी में कार्यरत थे, जबकि पिछले साढे 3 साल से वह सऊदी में ही रह रहे थे। इसी बीच दिसंबर 2020 में उनकी तबीयत वहां बिगड़ गई, जिसके चलते 24 जनवरी 2021 को उनकी मौत हो गई।
संजीव की मौत के बाद उनके परिजन कंपनी के मालिकों और भारत सरकार से उनके शव को वापस भारत लाए जाने की मांग करते आ रहे थे। लेकिन 18 फरवरी शाम को कंपनी के मालिक ने संजीव शर्मा के भाई राजीव शर्मा को एक संदेश के जरिए यह बताया कि उन्होंने संजीव के शव को सऊदी में ही दफना दिया है।
संजीव शर्मा के शव को दफनाए जाने की घटना सामने आने के बाद परिजन हतप्रभ रह गए। इसके बाद परिजनों ने संजीव के शव को वापस भारत लाए जाने की मांग को लेकर संघर्ष का रास्ता अपनाने की ठान ली है। इसी मामले के चलते शुक्रवार को संजीव शर्मा के परिजन डीसी ऑफिस पहुंचकर एडीसी ऊना डॉ. अमित कुमार शर्मा से भी मिले।
क्या कहते है एडीसी
एडीसी ऊना डॉक्टर अमित कुमार ने कहा कि मृतक संजीव शर्मा के परिजनों से मिले हैं और संजीव के शव को वापस भारत लाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इस संबंध में मृतक संजीव शर्मा के परिजनों को कुछ लिंक प्रदान किए गए हैं, जिन पर वह मेल के जरिए संजीव के शव को वापस लाने की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। इस संबंध में उच्चाधिकारियों और सरकार से भी जरूर मदद प्राप्त की जाएगी।