रिकांगपिओ, 19 फरवरी : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय किन्नौरी संस्कृति से इतने प्रभावित हुए कि स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य में भाग लेने से अपने आप को नहीं रोक पाए। यह उनका अपना अलग ही अनुभव था। जिला किन्नौर के दो दिवसीय दौरे पर आए राज्यपाल का रिकांगपिओ में किन्नौरी वाद्य यंत्र व फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। राज्यपाल के तौर पर यह उनका जनजातीय क्षेत्र किन्नौर का पहला दौरा है। इस अवसर पर, जिला प्रशासन की ओर से स्वागत समारोह का आयोजन किया गया।
स्थानीय कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूह व ग्लोरियस गोंग्युल रोपा वेली के प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। लोगों को संबोधित करते गए राज्यपाल ने कहा कि यहां आकर लगा कि हिमाचल आना सार्थक हुआ है। यहां की संस्कृति सचमुच बेजोड़ है और लोगों में जो अपनापन है, वह देश के अन्य किसी भी हिस्से में देखने को नहीं मिलता है।’
राज्यपाल ने कहा कि किन्नौर की अपनी एक अलग पहचान है। यहां की समृद्ध संस्कृति काफी आकर्षक है, जिसका संरक्षण जरूरी है। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को अपनी समृद्ध संस्कृति के बारे में बताया जाना चाहिए ताकि वह इसपर गर्व कर सके।
उन्होंने कहा कि कोई भी समाज तब तक जीवित रहता है जब तक वह अपनी संस्कृति से जुड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि देवभूमि की पहचान यहां के पहाड़, वन व नदियां हैं। संस्कृति के साथ-साथ प्रकृति का संरक्षण और स्वच्छता का विशेष ध्यान दखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देवभूमि की सार्थकता इसी में है कि हम स्वच्छता को जीवन में अपनाएं।
राज्यपाल ने नव निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को जीत की बधाई देते हुए कहा कि उन्हें विकास का नया दायित्व मिला है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे लोगों की जन आकांक्षाओं पर खरा उतरे और ग्रामीण स्तर पर विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। उन्होंने कहा कि वे खूब मेहनत करें और प्रदेश व देश की राजनीति में भी सबसे आगे रहें। उन्होंने कहा कि विकास में महिलाओं की अहम भूमिका है। इसलिए महिलाओं को नीति निर्धारण व विकास गतिविधियों में आगे आना चाहिए विशेषकर जनजातीय क्षेत्र में उनकी भूमिका व योगदान अहम है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि निचले स्तर पर विकास मामले में जितना सहयोग हो सके उसके लिए वह हर स्तर पर प्रयास करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘वोकल फार लोकल’ का नारा दिया है, जो जनजातीय क्षेत्र किन्नौर के लिए ज्यादा सार्थक है। यहां अधिकांश शिल्पकला, बुनाई व अन्य उत्पाद स्थानीय स्तर पर तैयार किए जाते हैं, जिन्हें अधिक व्यापक स्तर पर विपणन व प्रचार की आवश्यकता है।
इस अवसर पर, कार्यवाहक उपायुक्त अशवनी कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया। पंचायती राज संस्थान के नव निर्वाचित प्रतिनिधि तथा जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रधान ज्ञाबुंग ज्ञान सिंह नेगी ने ग्लोरिय गोंग्युल (रोपा वेली) में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्यपाल के दौरे में रिकांगपिओ में वेली में तैयार किन्नौरी शॉल, टोपी व वेली में प्रसिद्ध तीरंदाजी खेल बारे प्रेजेंटेशन दिया।