ज्वालामुखी (मोनिका शर्मा) : पर्यटन विकास निगम के एक अटपटे फैसले को लेकर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल निगम ने अब पिछले तीस सालों से कार्यरत निगम का एकाउंट ऑफिस ज्वालामुखी से बदलकर पालमपुर कर दिया है। यहां कार्यरत स्टाफ को बदल दिया गया है। जिससे निगम का कामकाज प्रभावित होने लगा है। चूंकि अब हमीरपुर, ज्वालामुखी, चिंतपुर्णी के पर्यटन निगम के होटल पालमपुर से जोड़े गये हैं। इनके साथ जोगिन्दर नगर को भी रखा गया है।
हालांकि कई सालों से ज्वालामुखी में यह काम हो रहा था। एक जमाने में ज्वालामुखी में निगम का डीजीएम स्तर का अधिकारी बैठता था। लेकिन अब मैनेजर के निचले स्तर के अधिकारी के हवाले सबकुछ है। आरोप लगाया जा रहा है कि अधिकारियों की आपसी मिलीभगत से ऐसा किया गया है, जो कि तर्कसंगत नहीं माना जा सकता। हालात यह हैं कि अब ज्वालामुखी में डीडीओ पावर न होने की वजह से छोटे-छोटे कामों के लिये पालमपुर जाना पड़ रहा है। ज्वालामुखी में निगम के होटल का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
निगम का होटल ज्वालाजी अरसे से लाभ वाली ईकाई रही है। लेकिन अब तकनीकी तौर पर घाटे में जा रही है। चूंकि अब इसे पालमपुर से जोड़ा गया है। पालमपुर में निगम का होटल लाभ में नहीं है। निगम के इस फैसले से इलाके के व्यापारी भी परेशान हैं, चूंकि अब उनके बिल भी समय पर पास नहीं हो रहे हैं। दलील दी जा रही है कि निगम को वापिस ज्वालामुखी में एकाउंट ऑफिस लाना चाहिये। ताकि लोगों को परेशानी न हो।