धर्मशाला (एमबीएम न्यूज) : देवभूमि में भारत बनाम पाकिस्तान के टी-20 क्रिकेट मैच के आयोजन को लेकर सोशल मिडिया में बहस छिडती नजर आ रही है। पहले शिवसेना ने इस मैच का विरोध किया अब पेशे से वकील व डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने अपने फेसबुक पेज के माध्यम से आयोजन पर प्रश्रचिन्ह लगाए है। हालांकि प्रदेश की जनता को ही यह फैसला अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति से करना चाहिए कि आयोजन होना चाहिए या नहीं। लेकिन अपनी पोस्ट के माध्यम से विनय शर्मा ने कहा है कि स्टेडियम से शहीद स्मारक की दूरी मात्र 200 मीटर है। ऐसे में क्या स्टेडियम में पाकिस्तानी झंडा लहराने देना चाहिए। करीब साढे तीन घंटे पहले की पोस्ट में एडवोकेट साहब को 45 लाइकस मिले है जबकि कमेंट बॉक्स में बहस छिडी है। अधिकतर एडवोकेट साहब के साथ ही नजर आ रहे है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क द्वारा इस मुद्दे पर विनय शर्मा द्वारा की गई दो पोस्ट को सांझा किया जा रहा है। इसे केवल आंशिक तौर पर त्रुटियों को लेकर संपादित किया गया है।
डिप्टी एडवोकेट जनरल के एफबी पेज पर शब्द
क्या शहीद स्मारक से दौ सो मीटर दूर पाकिस्तानी झंडा लहराने दिया जाये? नहीं, डिप्टी एडवोकेट जनरल की नौकरी जाती है तो जाएं। एक बार फिर आरपार की लड़ाई होगी उसी शहीद स्मारक से यहाँ शहीदों की आत्माएं आज भी हमें प्रेरणा देती हैं। हमारी शान बढ़ाती हैं। कारगिल की चोटियों से पाकिस्तानी झंडा उतार कर तिरंगा लहराने के लिए वीरों ने जान दे दी और अब धर्मशाला में पाकिस्तानी झंडा शान से लहरायेगा। क्रिकेट मैच के बहाने वो भी शहीद स्मारक से दौ सो मीटर दूर। शहीदों पर हमें फक्र है। शहीदों का अपमान नहीं होने दिया जाएगा। जब तक पाकिस्तानी टीम धर्मशाला रहेगी मैं शहीद स्मारक में विरोध स्वरूप उतने दिन भूख हड़ताल करूँगा और अमर शहीदों के परिवार से माफ़ी मांगूगा। जिन्होंने देश के लिए अपने बेटे कुर्बान किये। पाकिस्तान का मैच धर्मशाला में नहीं होना चाहिए उसके लिए नौकरी भी कुर्बान करनी पड़ी तो कर दूंगा।
इस महान योद्धा को बुरी तरह से यातनाएं देकर मारने वाले इन्हीं की पावन धरती पर क्रिकेट खेलकर हमारी ही छाती पर मूंग दलेंगे और हम बेशर्मों की तरह ताली पीटेंगे। हम से अच्छे मुम्बईकर हैं जो पाकिस्तानियों को घुसने नहीं देते मुम्बई में। शर्म की बात यह है कि धर्मशाला में क्रिकेट मैच वही करवा रहा है जो कश्मीर में झंडा लहराने गया था। उसके लिए पैसा ही सब कुछ है। हमें नहीं भूलना चाहिए की कारगिल में शहीद होने वाले सबसे ज्यादा शहीद हिमाचल के थे। परमवीर चक्र विजेता शहीद विक्रम बत्रा ने आखिर क्या इसलिए सर्वोच्च बलिदान दिया था कि एक दिन उन्हीं की धरती पर पाकिस्तानी क्रिकेट खेलेंगे? शर्म शर्म शर्म ऐसे लोगों के लिए जो इन परम शहीदों का अपमान कर के दुनिया को बता रहे हैं कि धर्मशाला का नाम देश विदेश में गूंजेगा। आमिरखान और शाहरुख़ खान की फि़ल्में न देखने की बात करने वाले और इन्हें पकिस्तान भेजने वाले दल्ले अब कहाँ छुपे हैं? दोगले दल्ले कहीं के। दोगले दल्लो ….!!! मैं भी असहिष्णु हो गया हूँ जो फालतू इन लोगों का पक्ष रखेगा उसको ब्लॉक कर दूंगा मेरी भावनाएं भडक़ी हुई हैं । भारत माता की जय।