नाहन, 11 जनवरी : सादगी, ईमानदारी व सौम्य स्वभाव, अगर आपके पास हों ओर ये समय पर काम कर जाएं तो इतिहास भी बन जाता है। शहरी निकायों के चुनाव में जहां देश की सबसे पुरानी नगर परिषद नाहन में कई ऐसे भी नतीजे रहे, जहां जीत-हार का अंतर 3 व 60 मतों का रहा। ऐसे में अगर कोई प्रत्याशी 1067 मतों में से 825 वोट हासिल कर ले तो वजह भी असाधारण ही होगी। वार्ड नंबर 5 से मैदान में उतरी बीजेपी की मधु अत्री ने 77.5 फीसदी मत हासिल किए। इसकी बदौलत शहर में बीजेपी की ओवरआल प्रतिशतता में भी जबरदस्त उछाल आया।
नजरें इस बात पर भी टिकी हैं कि क्या हिमाचल में किसी भी प्रत्याशी ने शहरी निकाय के चुनाव में इतनी प्रतिशतता की है या नहीं। ये अपने आप में इस चुनाव का एक रिकाॅर्ड भी हो सकता है। ऐसा भी नहीं था कि कांग्रेस की प्रत्याशी कमजोर थी। उच्चशिक्षित व उच्च पद से सेवानिवृत महिला को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था, लेकिन चौथी बार पार्षद बनी मधु अत्री खुद ये विश्वास नहीं कर पा रही कि इतने वोट हासिल हुए हैं। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में बोली, बेटा मैं तो 60 से 100 वोटों के अंतर से ही चुनाव जीतती रही हूं।
1995 में पहली बार मैदान में उतरी मधु अत्री कांग्रेस की दिवंगत नेत्री व नगर परिषद की पूर्व अध्यक्षा निर्मल गौड से चुनाव हारी थी। इसके बाद लगातार दो चुनाव जीते। एक बार वार्ड आरक्षित हुआ तो चुनाव नहीं लड़ा। इसके अलावा एक मर्तबा वार्ड नंबर 4 से भी चुनाव जीत चुकी हैं। 2015-16 के चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी बनी। भाजपा के टिकट पर दूसरी बार चुनाव जीता है। उन्होंने कहा कि वो हमेशा से निर्दलीय ही चुनाव जीतती रही हैं। इस वार्ड में 10 वोट नोटा को भी मिले।
उल्लेखनीय है कि 2015 में मधु अत्री महिला चेयरपर्सन के तौर पर दावेदार थी। मगर उन्होंने इस बात को लेकर कोई भी रंज नहीं किया कि उन्हें क्यों पद नहीं दिया गया। बहरहाल, अब देखना ये होगा कि ऐसी धमाकेदार जीत हासिल करने वाली महिला को बीजेपी किस तरीके से अलंकृत करती है।