नाहन, 4 जनवरी: चूंकि स्थानीय शहरी निकायों का मतदान 10 जनवरी को होना है। यही कारण है कि सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के नेताओं ने इस पर फोकस कर दिया है। पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव तीन चरणों में होने हैं, लिहाजा समय है। दिलचस्प बात यह है कि चुनाव प्रचार में सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेताओं को भी इस बात का इल्म है कि मामूली सी चूक पर दांव पर लगी प्रतिष्ठा को धक्का पहुंच सकता है। यही कारण है कि पांवटा साहिब में सूबे के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी घर-घर जाकर पार्टी प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे हैं। बाकायदा एक तय कार्यक्रम के तहत सुबह से शाम तक प्रचार में लगे हुए हैं।
संभवतः वो जानते हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव का सेमिफाइनल खेला जा रहा है। अगर शिकस्त मिलती है तो इसका प्रतिकूल असर अपने चुनाव पर पडेगा। यह अलग बात है कि पार्टी सिंबल पर ये चुनाव नहीं हो रहे, मगर अपरोक्ष तौर पर प्रतिष्ठा नेताओं की ही दांव पर है। निश्चित तौर पर प्रचार के दौरान नेताओं को खरी-खोटी भी सुननी पड़ रही है। उधर, देश की दूसरी सबसे पुरानी नाहन नगर परिषद में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल भी गलियों के चक्कर लगा रहे हैं। बिसात, ऐसी बिछाई जा रही है कि नप की सत्ता पर भाजपा की वापसी हो जाए। वार्ड नंबर 9 में भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ा है तो वहीं कांग्रेस को इस स्थिति से वार्ड नंबर 2 में गुजरना पड़ रहा है। वार्ड नंबर 2 में चौतरफा मुकाबले में भाजपा के एक रूष्ट ने भी नामांकन दाखिल किया हुआ हैै।
बता दें कि पांवटा नगर परिषद में अध्यक्ष का पद अनारक्षित है। वहीं नाहन में ये पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए रिजर्व है। दीगर बात यह भी है कि वार्ड नंबर 1 से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की बहन भी चुनावी मैदान में हैं। कुल मिलाकर 10 जनवरी की देरशाम तक पूरी तस्वीर से पर्दा हट जाएगा।