नाहन 3 जनवरी : हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जनपद के ट्रांसगिरी क्षेत्र की कांटी मशवा पंचायत में प्रधान पद के लिए एक भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं हुआ है। इस पद के लिए सामान्य चुनाव के बाद उप चुनाव की नौबत आ गई है। आपके जहन में एक सवाल यह उठ रहा होगा कि ऐसा क्यों हुआ…?
दरअसल इस पंचायत में सर्वसम्मति से बुद्धिजीवी शख्सियत काहन सिंह को प्रधान चुन लिया गया था, मगर ऐन मौके पर पता चला कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। लिहाजा हड़कंप मच गया। इसके बाद पंचायत के लोगों के साथ-साथ निर्विरोध प्रधान चुने गए काहन सिंह ने भी मतदाता सूची में नाम न होने की शिकायत चुनाव आयोग के साथ-साथ प्रशासन को भी उपलब्ध करवा दी। नामांकन पत्र दाखिल होने के अंतिम तिथि तक कोई निर्णय नहीं हुआ। प्रशासन इस बात पर अडिग रहा कि वोटर लिस्ट में डीलीशन व एडिशन का समय पूरा हो चुका है।
बता दें कि चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति का मतदाता सूची में नाम होना अनिवार्य है। यही कारण था कि निर्विरोध चुने गए काहन सिंह नामांकन पत्र दाखिल नहीं कर सकते थे। इसके बाद पंचायत ने अपने स्तर पर यह भी फैसला ले लिया कि कोई भी व्यक्ति नामांकन पत्र दाखिल नहीं करेगा। पंचायतवासियो ने नामांकन पत्र न दाखिल कर अपने फैसले पर दोबारा मोहर लगा दी है।
ऐसी अजब स्थिति शायद हिमाचल में कांटी मशवा पंचायत में ही सामने आई होगी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मतदाता सूचियों में जबरदस्त विसंगतियों के आरोप लगातार लगते रहे है। उम्मीद की जा रही थी कि पंचायत को निर्विरोध चुने जाने की सूरत में विशेष आदेश में निर्विरोध प्रधान चुने गए व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर लिया जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पंचायत में उप प्रधान व वार्ड सदस्य पर भी सहमति बन चुकी है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने 30 दिसंबर को प्रकाशित खबर में इस बात का खुलासा किया था कि शायद इस पंचायत में कोई भी व्यक्ति प्रधान पत्र के लिए नामांकन नहीं भरेगा। फिलहाल स्थिति को लेकर कोई भी बात प्रशासन के तौर तरफ से स्पष्ट तौर पर सामने नहीं आई। उधर पंचायत सचिव रण सिंह ने प्रधान पद के लिए कोई भी नामांकन न आने की पुष्टि की है। वही पंचायत के तकनीकी सहायक रघुवीर सिंह ने कहा कि रिपोर्ट भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि उपप्रधान पद के लिए तीन नामांकन पत्र दाखिल हुए है।