नाहन, 2 जनवरी : बहुचर्चित गुड़िया मामले के मुख्य आरोपी अनिल कुमार उर्फ नीलू को सिरमौर के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश जसवंत सिंह की अदालत ने एक महिला पर कातिलाना हमले के आरोप साबित होने पर उम्रकैद (Life Prison) की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी आईपीसी (IPC) की धारा-307 के तहत अदा करना होगा। जुर्माना अदा न करने पर एक साल के अतिरिक्त कठोर कारावास का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा अदालत ने आईपीसी की धारा 354 के तहत दोषी को दो साल के कठोर कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माने के आदेश भी दिए हैं। जुर्माना अदा न करने पर तीन महीने के अतिरिक्त कारावास के आदेश भी दिए गए हैं।
अदालत ने पीड़िता के गहनों के अलावा इस केस से जुड़ी तमाम चीजों को नष्ट करने के भी आदेश पारित किए हैं। इस मामले की पैरवी उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने की। बता दें कि गुडिया केस में भी अनिल कुमार के सैंपल सिरमौर से ही लिए गए थे, जिनके मैच होने के बाद उसकी गिरफ्तारी सीबीआई ने रोहड़ू क्षेत्र से की थी। पेशे से चरानी का काम करने वाले नीलू को सराहां पुलिस ने सितंबर 2015 के मामले में गिरफ्तार भी किया था।
ये थी रोंगटे खड़े करने वाली वारदात….
वरदात 6 सितंबर 2015 को सराहां थाना के तहत दसाना गांव के जंगल में घटित हुई। नेपाली मूल की पीड़ित महिला चंद्रकला बकरियां चराने के दौरान पेड़ पर चढ़कर घास काट रही थी। इसी दौरान दोषी पाया गया अनिल कुमार भी वहां पहुंच गया। उसने पीड़िता से बीड़ी जलाने के लिए माचिस मांगी। इसके बाद महिला से ही दराट मांगा। महिला के पेड़ से नीचे उतरने के बाद उससे अश्लील हरकतें करने लगा। आपत्ति जताने पर दोषी पीड़िता की उंगली व अंगूठे को भी काट दिया। महिला को 108 की मदद से सराहां अस्पताल पहुंचाया गया। महिला के बेटे ने पुलिस को बताया कि नामालूम व्यक्ति ने उसकी माता के ऊपर कातिलाना हमला किया है।
ये बात भी सामने आई कि महिला को हमले में 12 घाव दिए गए थे। नाजुक हालत में महिला को सोलन रैफर किया गया। 7 सितंबर को पुलिस ने मौके से पीड़िता के कटे अंगों को भी बरामद कर लिया। साथ ही लाइटर, डंडों, कान की बाली, नाक की नथ को भी कब्जे में लिया गया। 17 सितंबर 2015 को पीड़िता के ठीक होने पर ब्यान कलमबद्ध किए गए। 21 सितंबर 2015 को हमलावर की शिनाख्त कर ली गई। इसके बाद पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया। 23 सितंबर 2015 को दोषी पाए गए अनिल कुमार के बयान कलमबद्ध करने के बाद शमलाटी में उसके कमरे से वारदात के समय पहने गए कपड़े भी बरामद किए गए। साथ ही निशानदेही भी करवाई गई।
जांच के दौरान पुलिस ने पीड़िता के डीएनए नमूनों की भी जांच करवाई, जिसका मिलान बरामद उंगली व अंगूठे से करवाया गया। 18 दिसंबर 2015 तक अनिल कुमार को न्यायिक हिरासत में भी रखा गया। जांच में इस बात की तस्दीक भी हुई कि वो बैजनाथ की पोनिंग पंचायत का रहने वाला है। तफ्तीश में यह भी सामने आया कि 6 सितंबर 2015 को अनिल ने शराब भी पी थी। इसी दौरान जंगल में पीड़िता को अकेले देखकर उससे अश्लील हरकतें की। महिला से दराट को लेकर दूर फेंक दिया। जब वो इसे उठाने लगी तो उससे अश्लीलता करने लगा। पीड़िता होश में जैसे-तैसे रास्ते तक आ गई थी। इसके बाद ही लोगों को उस पर हमले की सूचना मिली।
क्या बोले उप जिला न्यायवादी…
सिरमौर के उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि आईपीसी की धारा-307 व 354 के तहत सजा के आदेश जारी हुए हैं। अदालत को इस बात से भी अवगत करवाया गया कि आरोपी गुड़िया मामले में भी आईपीसी की धारा-302 व 376 के तहत ट्रायल का सामना कर रहा है, जो महिलाओं से जघन्य अपराध करने का आदी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में 15 गवाह पेश किए गए।