मंडी, 31 दिसंबर : शहर को नगर निगम का दर्जा मिलने के साथ ही यहां सिवरेज सुविधा को भी और ज्यादा दक्ष करने की कवायद शुरू हो गई है। शहर और इसके साथ लगते कुछ क्षेत्रों के पांच हजार घरों को अभी तक सिवरेज सुविधा से जोड़ा गया है जबकि इसकी क्षमता को बढ़ाकर 10 हजार किया जा रहा है। खास बात यह है कि अब जल शक्ति विभाग एमबीबीआर तकनीक से नई अपग्रेडेशन और नया निर्माण करने जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने 68 करोड़ की स्वीकृति भी विभाग को दे दी है। बता दें कि एमबीबीआर यानी मूविंग बैड बायो फिल्म रिएक्टर तकनीक को एनजीटी की तरफ से सुझाया गया है और राज्य सरकार ने इस दिशा में कार्य करना भी शुरू कर दिया है।
सिवरेज ट्रीटमेंट की पुरानी तकनीक में 4 से 5 टैंकों का इस्तेमाल होने के बाद भी 80 प्रतिशत सॉलिड मेटिरियल निकलता था। जिसका निपटारा करना विभाग के लिए चुनौती बन जाता था। लेकिन एमबीबीआर तकनीक में अब सिवरेज ट्रीटमेंट के लिए मात्र 1 से 2 टैंक ही इस्तेमाल होंगे और यह सॉलिड मेटिरियल की मात्रा को 20 प्रतिशत से भी कम कर देंगे। विभाग के पास 80 प्रतिशत से ज्यादा जो लिक्विड मेटिरियल निकलेगा वह इतना साफ होगा कि उसे किसी दूसरे कार्यों में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा या फिर सीधे ब्यास नदी में छोड़ा जा सकेगा।
जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता ई. विवेक हाजरी ने बताया कि विभाग ने नई तकनीक पर काम करना शुरू कर दिया है और इसके तहत 10 हजार घरों को सिवरेज सुविधा के साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि नई अपग्रेडेशन के बाद रघुनाथ का पधर और खलियार स्थित सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता भी बढ़ जाएगी। रघुनाथ का पधर में अभी 3.83 एमएलडी की क्षमता है जो बढ़कर 9 एमएलडी हो जाएगी जबकि खलियार प्लांट की क्षमता 0.47 से बढ़कर 1.50 एमएलडी हो जाएगी।
वहीं शहर के साथ लगते हुए गांवों को भी सिवरेज सुविधा के साथ जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है। यह वही गांव हैं जो हाल ही में नगर निगम में शामिल किए गए हैं। इनमें नेला, चडयाना, सन्यारड़ी, भ्यूली, बाड़ी, लोअर बिजनी और पंजेठी को सिवरेज की सुविधा प्रदान की जा रही है। विभाग के सहायक अभियंता और सिवरेज व्यवस्था देखने वाले ई. भानु प्रताप ने बताया कि विभाग नई तकनीक के साथ काम करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और जल्द ही शहर वासियों को नई तकनीक की सुविधा मुहैया करवा दी जाएगी।