चौपाल, 30 दिसंबर : पंचायती राज चुनावों से पहले चौपाल भाजपा में सुलगी फूट की चिंगारी ने पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है। चौपाल भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्षा रमला रांटा ने पार्टी के ही कुछ लोगों पर मंडल को हाइजैक करने के संगीन आरोप लगाए हैं। रमला रांटा ने नेरवा में एक प्रेस वार्ता के दौरान भड़ास निकालते हुए कहा कि चौपाल भाजपा मंडल पर कुछ लोगों ने कब्जा जमाया हुआ है एवं पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाए कि मंडल पर काबिज लोगों के हस्तक्षेप पर एक ऐसी महिला को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है, जिसकी पार्टी में प्राथमिक सदस्यता तक नहीं है। मंडल के इस निर्णय से आम कार्यकर्ता खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। मंडल में आम कार्यकर्ता का कोई मान सम्मान नहीं रह गया है। यही वजह है कि उन्हें अपना पद छोड़ने जैसा कठोर निर्णय लेना पड़ा है। रमला ने कहा कि उन्होंने समर्थकों के आग्रह पर स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में जिला परिषद् चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। पार्टी में कार्यकर्ताओं की अनदेखी के कारण उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
उधर, रमला रांटा के इस निर्णय को चौपाल भाजपा के लिए काफी नुकसानदेह माना जा रहा है, क्योंकि उनका इस क्षेत्र में ख़ास कर महिलाओं के बीच विशेष जनाधार है। वह दो बार अनारक्षित वार्ड से बीडीसी सदस्य रह चुकी हैं एवं अपने क्षेत्र के मतदाताओं में उनके खासी पकड़ है। इसी वजह से चौपाल भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष पद पर लगातार दूसरी मर्तबा उनकी ताजपोशी की गई थी।
आपको बता दें कि अनुसूचित जाती की महिला के लिए आरक्षित जिला परिषद् वार्ड पौड़िया से रमला रांटा को भाजपा का सशक्त उम्मीदवार माना जा रहा था, परन्तु पार्टी ने अंतिम समय में किसी अन्य महिला को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया, जिस वजह से पार्टी में विद्रोह की चिंगारी उठना लाज़मी था।