रामपुर/मीनाक्षी भारद्वाज : हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रामपुर उपमंडल के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र कुल पंचायत के क्षेत्र में साथ लगती पहाड़ी पर 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बसा खूबसूरत माता श्राईकोई का मंदिर मौजूद है। यहां पर हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में अन्य मंदिरों से भिन्न हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में एक साथ पति-पत्नी प्रवेश नहीं करते हैं। कहा जाता है कि जो पति-पत्नी एक साथ इस मंदिर में दर्शन कर लेते हैं, उनके जीवन में अनेक कष्ट आते हैं और उन्हें अलग तक होना पड़ सकता है।
बता दें कि देश-दुनिया में ऐसे विभिन्न धार्मिक स्थल हैं, जो अपने इतिहास के साथ ही कुछ अनोखी परंपराओं की वजह से भी जाने जाते हैं। ऐसा ही माता श्राईकोई के नाम से यह मंदिर हिमाचल प्रदेश में है। आमतौर पर हिंदू परंपराओं और यज्ञ-पूजन में पति-पत्नी का एक साथ शामिल होना मंगलकारी माना जाता है, लेकिन यहां पति-पत्नी एक साथ दर्शन व पूजा नहीं करते हैं।
शास्त्रों में भी ऐसी कई कथाएं आती हैं, जब किसी ने आध्यात्मिक व शुभ कार्य करना होता है तो पति-पत्नी दोनों उसमें शामिल रहते हैं। परंतु हिमाचल प्रदेश का ये मंदिर इसको लेकर अनोखा हैं। यह मंदिर शिमला के रामपुर नामक स्थान पर स्थित है। यहां दूर-दूर से लोग श्राई कोटि माता के दर्शन करने आते हैं। हालांकि जब पति-पत्नी यहां दर्शन करने आते हैं तो वे अलग-अलग ही माता के दर्शन करते हैं।
क्या कहती है प्राचीन कथा
पुजारी के अनुसार श्राईकोई माता कन्या रूप में मौजूद हैं। जिस कारण यहां पर पति-पत्नी एक साथ प्रवेश नहीं करते हैं। लोगों की मान्यता है कि जो भी भक्त यहां मंदिर की इस परंपरा का पालन करते हुए दर्शन करता है, उसकी समस्त मनोकामनाएं माता श्राईकोई जरूर पूर्ण करती हैं। इस मंदिर के आस-पास कुदरत का बेहद खूबसूरत नज़ारा है। इस कारण भी यहां पर अधिक श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते है।