कालाअंब, 27 दिसंबर : 1976 में बतौर डीएसपी सीआरपीएफ में अपनी सेवाएं शुरू करने वाले रिटायर्ड आईजी ताज मोहम्मद का रविवार सुबह चंडीगढ़ में देहांत हो गया है। 70 के दशक में सीआरपीएफ में डीएसपी का रैंक हासिल कर कैरियर शुरू करना आसान बात नहीं थी। नक्सलवाद के दौरान असम व मणिपुर में बेहतरीन सेवाओं के लिए अपनी पहचान बनाने वाले दिवंगत ताज मोहम्मद ने कश्मीर में भी अपनी सेवाएं दी।
अहम बात यह है कि अपने दोनों बेटों को भी अर्धसैनिक बलों के सुपुर्द किया। इस समय बड़ा बेटा निसार मोहम्मद सीआरपीएफ में कमांडेंट के पद पर पहुंच चुका है। जबकि दूसरा बेटा अयूब खान बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट के रैंक पर है।
6 नवंबर 2011 को सेवानिवृत्त हुए ताज मोहम्मद का अपने इलाके से एक खास लगाव रहा। सीआरपीएफ में सेवारत रहने के दौरान कालाअंब के अलावा कोलर व कई अन्य इलाकों में युवाओं को सीआरपीएफ में भर्ती करने के लिए ना केवल प्रेरित किया बल्कि उनके मार्गदर्शक भी बने।
70 साल के रिटायर्ड आईजी ताज मोहम्मद पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उधर कांग्रेस अल्पसंख्यक विंग के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद इकबाल चौधरी ने रिटायर्ड आईजी के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि उनके चले जाने से इलाके को भारी क्षति हुई है। उन्होंने बताया कि रिटायरमेंट के बाद वह ओगली में अपने पैतृक घर पर ही रह रहे थे। बता दें कि रविवार शाम को भी दिवंगत ताज मोहम्मद की पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।