नाहन, 25 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में ट्रांसगिरि की टटियाणा पंचायत में चुनाव की सर्वसम्मति (Unanimously) के मकसद से एक गजब फार्मूला(Formula) बनाया गया। इससे न केवल पंचायत के हरेक वर्ग को प्रतिनिधित्व (Representation) मिल गया, बल्कि पंचायत सरकार की इनाम राशि की भी हक़दार हो गई है।
बेशक ही आधिकारिक तौर पर नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही पंचायत को निर्विरोध (Unopposed) घोषित किया जाएगा, लेकिन सर्वसम्मति पर ग्रामीणों (Villagers) की जश्न से जुडी जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, वो साफ तौर पर उन लोगों के लिए एक गजब उदाहरण (Example) हैं, जो चुनाव में जातपात (Cast) व दलगत राजनीति (Party Politics) करने पर उतर चुके हैं। हालांकि सिरमौर की कई अन्य पंचायतों से भी निर्विरोध चुनाव की ख़बरें सामने आ चुकी हैं, लेकिन टटियाणा पंचायत ने जो किया वह अपने आप में एक अनूठी मिसाल है।
क्या अपनाया गया फार्मूला..
दअरसल इस पंचायत में 4 बेड़े हैं। बेड़े शब्द से समझें तो पंचायत की आबादी (Population) इन चार बेड़ों से संबंधित है। हर एक बेड़े से पंचायत प्रधान के पद के लिए दो-दो दावेदार लिए गए। इसके बाद महासू देवता के लोटे में पर्ची को डाल दिया गया। इसमें जिस बेड़े को प्रधान पद मिल गया, उसकी दावेदारी उप प्रधान के पद से हटा दी गई। यानी, उप प्रधान पद के लिए 6 दावेदारों की पर्ची ही महासू देवता के लोटे में डाली गई। इसके बाद बीडीसी सदस्य के लिए दो बेड़ो से 4 पर्चियां तय की गई। आखिर में बचे चौथे बेड़े को पंचायत के चार वार्ड सदस्य के पद दे दिए गए। इससे चारों ही बेड़े को प्रतिनिधित्व मिल गया। अब सवाल उठता है कि बीडीसी के सदस्य को एक पंचायत ही कैसे तय कर सकती है। तो बताया गया कि समीपवर्ती पंचायत ठोठा जाखल को पिछली बार बीडीसी का पद मिला था। लिहाजा इस बार टिटियाना पंचायत की टर्न थी। दीगर है कि पंचायतों ने अपने स्तर पर ही ये व्यवस्था बीडीसी के लिए बनाई हुई है।
इन्हे मिले पद..
पंचायत प्रधान के पद पर पार्वती शर्मा को सर्वसम्मति से चुन लिया गया। जबकि उप प्रधान के पद पर कपिल शर्मा की पर्ची निकली। बीडीसी के सदस्य के तौर पर राजो देवी को प्रतिनिधित्व मिला है। हालांकि 4 वार्ड सदस्य भी तय हो चुके हैं, लेकिन अंतिम सूची जल्दी जारी कर दी जाएगी। पंचायत में सात वार्ड सदस्य बनने है।
बेटी बचाओ…
पंचायत की सर्वसम्मति के दौरान एक कॉमन परिसर में हरेक घर से सदस्य मौजूद थे। खास बात यह थी कि लोटे से पर्ची निकालने की जिम्मेदारी भी कन्या स्वरूप बेटियों ने ही निभाई। इससे पंचायत ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ संदेश दिया।
क्या बोले पूर्व प्रधान…
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में पंचायत के पूर्व प्रधान रमेश शर्मा ने कहा कि मौजूदा अवधि में उनकी पत्नी जयंती शर्मा प्रधान के पद पर आसीन थी। पंचायत में सर्वसम्मति को बनाने की कोशिश 2 साल से लगातार जारी थी। उनका कहना था कि गांव में मंदिर का निर्माण भी होना है। विकास कार्यों के लिए सर्वसम्मति बेहद जरूरी थी। पंचायत के बुद्धिजीवी एक लंबे अरसे से प्रयास में लगे थे, जिनकी मेहनत आज रंग लाई है। उन्होंने कहा कि इस चुनावों में खर्चे के अलावा आपसी मन मुटाव भी बढ़ता है।