मंडी, 24 दिसंबर : जिला प्रशासन की ’’भूस्खलन निगरानी एवं प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली’’ को देश भर में नंबर एक पर आंका गया है। यह आंकलन स्कॉच फाउंडेशन द्वारा किया गया है और इसके लिए जिला प्रशासन को गोल्ड केटेगरी में प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड से नवाजा गया है। डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने इसकी जानकारी दी है। बता दें कि स्कॉच अवार्ड के लिए पूरे भारत वर्ष से 1100 से अधिक सरकारी व निजि प्रतिभागियों ने भाग लिया था। जिला प्रशासन को ‘बचाव एवं सुरक्षा’ श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
जिला के कोटरोपी में वर्ष 2017 में हुए भयंकर भू-स्खलन के बाद जिला प्रशासन ने आइआइटी मंडी के सहयोग से ऐसी असरदार और किफायती प्रणाली विकसित की है जो किसी भी भू स्खलन की संभावना को पहले ही भांप लेती है और यदि ऐसी कोई आशंका हो तो तुरंत इसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से जिला प्रशासन व अन्य अधिकारियों को मिल जाती है। साथ ही ऐसे क्षेत्रों में स्थापित हूटर तुरंत बजने लगता है। डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि वर्तमान में ऐसे10 यंत्र कोटरोपी, गुम्मा, हणोगी, थलौट व डयोड इत्यादि स्थानों पर लगाए गए हैं, जहां भू स्खलन की सम्भावना अत्यधिक है। ये प्रणाली संभावित भू स्खलन का पता लगाने में बहुत की कारगर साबित हुई है। डीसी ने इस अवार्ड के लिए सभी जिला वासियों को बधाई दी है।
ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि जिला प्रशासन इस प्रणाली को जिला के अन्य स्थानों पर भी स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है वहीं प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस प्रणाली को स्थापित करने पर सरकार विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की प्रणाली से जान-माल के नुकसान की रोकथाम में काफी ज्यादा मदद मिल सकती है।
बता दें कि स्कॉच अवार्ड स्वतंत्र संगठन स्कॉच फ़ाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार भारत को बेहतर राष्ट्र बनाने के लिये अभिनव प्रयास करने वाले व्यक्तियों-संस्थानों को विभिन्न श्रेणियों में दिया जाता है।