भुंतर, 16 दिसम्बर : हिमाचल सरकार द्वारा फोरलेन प्रभावित किसानों को सड़क से 50 मीटर दोनों तरफ टीसीपी की शर्त फिर से लगा दी गई है, अब लोग फोरलेन सड़क से उजडऩे के उपरांत अपना घर भी बना नहीं पाएंगे। 29-45 मीटर सड़क के बाद 5 मीटर कंट्रोल ब्रिड्थ(जमीन) बिना मुआवजे के छोडऩी पड़ेगी। उसके उपरांत 3 मीटर नगर ग्राम योजना के तहत और छोडऩी होगी। आम लोगों को 29-45 मीटर सड़क के उपरांत छोटे खेत होने के कारण 8 मीटर छोड़ कर घर व दुकान नहीं बना पाएंगे।
ग्राम पंचायतें ने पहले ही टीसीपी योजना को निरस्त करने के प्रस्ताव दिए गए थे, जिनको सरकार ने अनदेखा कर दिया। 50 मीटर टीसीपी योजना को लागु कर दिया जो कि अपने आप में किसानों के साथ बेइन्साफी होगी।
फोरलेन सयुंक्त संघर्ष समिति इससे पहले 10 सितम्बर, 2019 को कनेड में प्रभावित किसानों के मांग पत्र अध्यक्ष जोगिन्दर वालिया की अगुवाई में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, बागवानी व सैनिक कल्याण मंत्री एवं अध्यक्ष कैबिनेट सब कमेटी (नगर एवं ग्राम योजना) महेद्र सिंह ठाकुर से मिली थी। मांग की गई थी कि फोरलेन के दायरे में नगर एवं ग्राम योजना लागू होने से प्रभावित, किसानों एवं दुकानदारों को नगर एवं ग्राम योजना, 1977 से बाहर रखा जाए।
सरकार ने फोरलेन प्रभावित किसानों की मांग को न मानते हुए सड़क से अब 50 मीटर दोनों तरफ व हिमाचल के फोरलेन के साथ लगते हुए गांव में नगर एवं ग्राम योजना विभाग टीसीपी को लागु कर दिया है। आरोप है कि सरकार ने हिमाचल के किसानों के साथ धोखा किया है।
संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोगिंद्र वालिया ने कहा कि फोरलेन संघर्ष समिति द्वारा कई मांग पत्र दिए जा चुके हैं, मांगों का कोई निपटारा नहीं किया गया है।