शिमला, 9 दिसंबर: अगर आप हिमाचल में दोपहिया वाहनों (Two Wheelers) के अलावा कार व जेसीबी इत्यादि खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको यह जानना जरूरी है कि मंगलवार की आधी रात के बाद से राज्य में टोकन टैक्स महंगा हो गया है। इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गई है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हुई है। पहले दो पहिया वाहनों पर 4 फ़ीसदी टोल टैक्स वसूला जाता था, अब इसकी दर 6 फ़ीसदी कर दी गई है। यह दर एक लाख तक की कीमत पर होगी।
इसके अलावा राज्य के भीतर से एक लाख से अधिक का दो पहिया वाहन खरीदने पर 7 फ़ीसदी टैक्स होगा। अगर आप एक लाख से अधिक का दो पहिया वाहन बाहर के राज्य से खरीद रहे हैं तो आपको 8 % टोकन टैक्स चुकाना पड़ेगा। बाहरी राज्य से एक लाख से अधिक के टू व्हीलर पर 9% टोकन टैक्स होगा।
इसके अलावा अगर फोर व्हीलर की बात की जाए तो 15 लाख से कम कीमत के वाहनों पर राज्य से ही खरीद पर 6% का टोकन टैक्स होगा, इससे अधिक के मूल्य की खरीद पर 7% टैक्स वसूल किया जाएगा। वहीं अगर आप बाहरी राज्य से 15 लाख रुपए से अधिक कीमत का फोर व्हीलर खरीदते हैं तो टैक्स की दर 8% रहेगी। इससे अधिक की खरीद पर दर 9 फ़ीसदी होगी।
नई व्यवस्था में निर्माण से जुड़े कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट(Construction Equipment) को भी फोर व्हीलर के दायरे में लाया गया है। पहले कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट से सालाना टैक्स(Annual Tax) की वसूली की जाती थी। सूत्रों का कहना है कि अब रजिस्ट्रेशन(Registration) के वक्त ही पूरी राशि का भुगतान करना होगा। इससे ट्रांसपोर्ट महकमे को सिरदर्दी नहीं होगी। पहले जेसीबी व अन्य कंस्ट्रक्शन वाहनों द्वारा सालाना टैक्स की अदायगी समय पर नहीं की जाती थी, इसके लिए विभाग को नोटिस भी जारी करने पड़ते थे।
गौरतलब है कि ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रधान सचिव केके पंत द्वारा नई दरों को लेकर अधिसूचना (Notification) जारी कर दी गई है। तर्क यह भी दिया जा रहा है कि बाहरी राज्यों में टोकन टैक्स की दरें अधिक हैं। लिहाजा बाहरी राज्यों से भी लोग अपने महंगे वाहनों का पंजीकरण हिमाचल में करवा रहे थे।
राज्य में कंस्ट्रक्शन से जुड़े वाहनों को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया था। इसमें हल्के वाहन से 8 हजार रुपए सालाना टैक्स लिया जाता था, जबकि मीडियम व हैवी वाहनों से क्रमश: 12 हजार व 14 हजार की दर से टैक्स हर साल लिए जाने की व्यवस्था थी। लेकिन अब इसे 6 से 9 फीसदी के बीच रजिस्ट्रेशन के वक्त ही लिया जाएगा। वहीं, फोर व्हीलर पर ईंजन क्षमता(Engine Capacity) के आधार पर टोकन टैक्स था, लेकिन अब इसकी दर भी 6 से 9 फीसदी के बीच तय की गई है।
अहम बात यह भी है कि नई दरों को वाहनों की कीमत के आधार पर तय किया गया है। महंगा टू व्हीलर या फिर फोर व्हीलर राज्य या फिर राज्य से बाहर से खरीदने पर दरों को तय किया गया है।