सोलन, 4 दिसंबर : देवभूमि क्षत्रिय संगठन अध्यक्ष व श्री राष्ट्रीय क्षत्रिय महासंघ युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रूमित सिंह ठाकुर ने प्रदेश में स्वर्ण समाज की अनदेखी पर रोष जाहिर किया है। रुमित ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 65%आबादी स्वर्ण समाज की है। राजनीतिक दलों व सत्तासीन सरकारों में स्वर्ण समाज के नेताओं द्वारा आज तक नेतृत्व किया गया है। बावजूद इसके स्वर्ण समाज को हमेशा से राजनीतिक नेताओं द्वारा नजर अंदाज किया गया। वोट बैंक की खातिर हमेशा स्वर्ण समाज के परिवारों के खिलाफ नीतियां-योजनाएं बनाई गई, जिसमें स्वर्ण समाज के गरीब परिवारों को भी अछूता रखा गया।
ठाकुर ने सत्तारूढ़ सरकार से पूछा है कि राजनीतिक दलों द्वारा प्रदेश में कब तक स्वर्ण समाज की अनदेखी की जाएगी। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति आयोग, पिछड़ा आयोग, अल्पसंख्यक आयोग को और मजबूत बनाने के लिए हमेशा से राजनीतिक नेताओं ने अपनी अहम भूमिका निभाई है, लेकिन आज तक स्वर्ण समाज के लिए स्वर्ण आयोग के गठन की नहीं की गई, जो अपने आप में एक बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय विषय है।
ठाकुर ने कहा कि स्वर्ण समाज को हमेशा वोट बैंक के लिए प्रयोग किया गया है। उनके हितों के बारे में आज तक किसी नेता ने बात नहीं की। स्वर्ण समाज के परिवारों को मानसिक व शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता है, लेकिन किसी राजनीतिक दल ने एट्रोसिटी/ एससी- एसटी एक्ट में संशोधन बारे कभी कोई आवाज नहीं उठाई। अनुसूचित जाति समाज के सर्व संपन्न परिवार के बच्चों को भी सरकार की तरफ से संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है, लेकिन स्वर्ण समाज से संबंधित गरीब परिवार के बच्चों को अनदेखा किया जाता है। स्वर्ण समाज को भी सड़कों पर एक बड़ा जन आंदोलन करके अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी पड़ेगी। उन्होंने स्वर्ण समाज का आह्वान करते हुए कहा कि युवाओं के भविष्य के लिए बड़ा जन आंदोलन करने की आवश्यकता है।
ठाकुर ने कहा कि जल्द ही हिमाचल प्रदेश में स्वर्ण आयोग के मांग को लेकर गांव-गांव व शहर-शहर में बैठकें व जनसभाएं शुरू की जाएंगी। ठाकुर ने कहा कि स्वर्ण परिवार को संगठनों के साथ जोड़ा जाएगा और एक बहुत बड़ा जन आंदोलन प्रदेश में किया जाएगा।