नाहन, 26 नवंबर : सामाजिक कार्यकर्ता (Social Worker) विनीता ठाकुर की हत्या (Murder) के मामले में पुलिस की जांच सही दिशा में नजर आ रही है। हालांकि जांच पर सामाजिक संगठनों ने सवाल भी उठाए, लेकिन चंद ऐसी बातें हैं, जो इस बात को इंगित (Indicate) करती हैं कि जांच में कोई ढिलाई नहीं है। 22 नवंबर को पीजीआई (PGI) में विनीता की मौत से पहले पुलिस द्वारा 161 के बयान कर लिए गए थे। जिस पर विनीता ने आंखें बंद करने से पहले 164 के बयान में भी तस्दीक की।
दरअसल, ये दो ऐसे बयान हैं जो इस केस के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। अमूमन ऐसा बेहद ही दुर्लभ है कि जब पीजीआई चंडीगढ़ में ही पीड़ित के मैजिस्ट्रेट (Megistrate) के समक्ष 164 के बयान समय पर ही करवा लिए गए हों। इसके अलावा घटनास्थल पर फोरेंसिक टीम (Forensic team) से भी मुआयना करवाया गया। इस जगह को तब तक सील रखा गया, जब तक फोरेंसिक टीम ने जायजा लेकर सबूत न जुटा लिए हों। मौके से लाइटर (Lighter) व अन्य सामान भी बरामद किया गया है। चूंकि वारदात के शुरूआती दौर में आरोपी पुलिस कांस्टेबल भी झुलसा था, इस कारण वो कई दिन तक उपचाराधीन (Under Treatment) रहा। यहीं से पुलिस की कार्रवाई पर शंका शुरू हुई थी। मगर हकीकत यह भी है कि 161 का बयान दर्ज होेने के साथ-साथ आरोपी को डिस्चार्ज (Discharge) मिलते ही उसे गिरफ्तार (Arrest) कर लिया गया था।
21 नवंबर को आरोपी को न्यायालय द्वारा 3 दिसंबर तक की न्यायिक हिरासत (judicial custody) में भी भेजा गया है। पहले दिन से ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) बबीता राणा ने जांच को अपने हाथ में लिया हुआ है। बड़ी बात यह भी है कि पीड़ित परिवार (Aggrieved family) ने भी किसी भी तरह पुलिस जांच में ढिलाई को लेकर सवाल नहीं उठाए हैं। सोशल मीडिया (Social Media) में विनीता की हत्या को लेकर सवाल उठाए जाने लगे तो सिरमौर पुलिस को भी मंगलवार को एक अपील (Appeal) जारी करनी पड़ी। इसमें हलाहं के रहने वाले वीरेंद्र चौहान के हवाले से पुलिस आरक्षी सूर्यकांत के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात की गई। पुलिस ने कहा कि आरोपी को निलंबित (Suspend) किया जा चुका है। पुलिस ने ये भी कहा था कि कुछ लोग भ्रामक प्रचार (Misleading publicity) कर लोगों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं।
बता दें कि मिलनसार स्वभाव (Sociable nature) की विनीता ठाकुर एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी एक खास पहचान रखती थी। नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण (Sexual Exploitation) के खिलाफ हमेशा अपनी आवाज को मुखर करती रही। बेहद ही निर्भीक व निडर (Bold and fearless) विनीता ठाकुर के इस तरीके से निधन पर हर कोई स्तब्ध हो गया था। दीगर है कि पुलिस आरक्षी सूर्यकांत पर विनीता के ऊपर पैट्रोल (Petrol) छिड़ककर आग लगाने का आरोप है। पहले हत्या की कोशिश (Attempted murder) का मुकदमा 307 के तहत दर्ज हुआ था। लेकिन मौत के बाद इसे 302 में बदल दिया गया।