शिमला, 25 नवम्बर : कोरोना से एचआरटीसी (HRTC) को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। इस महामारी के कारण एचआरटीसी को अब तक करोड़ों का घाटा (Loss) हो चुका है। 46 फीसदी रूटों पर एचआरटीसी की बस सेवा ठप है।
परिवहन मंत्री विक्रम ठाकुर ने बुधवार को शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि कोरोना की वजह से एचआरटीसी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। अब तक 450 करोड़ का घाटा हुआ है। हालांकि आपदा के समय में राज्य सरकार ने एचआरटीसी को 353 करोड़ की वितीय मदद भी प्रदान की है। इससे एचआरटीसी कर्मियों को समय पर वेतन प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में 54 फीसदी रूटों पर एचआरटीसी की बसें चल रही हैं। एचआरटीसी के कुल 3,708 रूट हैं। इनमें 1984 रूटों पर बसें दौड़ रही हैं। राज्य के विभिन्न रूटों पर 1,713 बसों का संचालन हो रहा है। जबकि राज्य के बाहर 271 रूटों पर बसें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के 59, दिल्ली के 24 और हरिद्वार के 11 रूटों पर एचआरटीसी की बसों की आवाजाही जारी है।
विक्रम सिंह ने कहा है कि कोरोना का संक्रमण बढ़ने पर बसों में यात्रियों के बैठने की क्षमता को 50 फीसदी करना पड़ा है। इस फैसले से निजी ट्रांसपोर्टर (Private Transporter) परेशान हैं। हालांकि उन्होंने आश्वस्त किया कि कोरोना का संक्रमण घटने पर इस समस्या का जल्द हल कर दिया जाएगा। परिवहन मंत्री ने कहा कि करुणामूलक आधार पर (compassionate grounds) नौकरी के काफी संख्या में आवेदन लंबित हैं। इस कारण इनका नौकरी कोटा 5 से 10 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में छह बस अड्डों का निर्माण पूरा कर लिया गया है और इनका जल्द उद्घाटन किया जाएगा।