सराहां, 23 नवंबर : सिरमौर के पच्छाद विकास खंड के धरयार गांव की 27 वर्षीय पुत्रवधू मीनाक्षी शर्मा स्वावलंबी (Independent) बनने की राह पर अग्रसर है। इसके चलते सास अनिता शर्मा व ससुर सुरेंद्र दत्त शर्मा के साथ-साथ पति प्रदीप शर्मा की हौंसला अफजाई पर ई-रिक्शा (E-Rikshaw) का स्टेयरिंग (Steering) संभाला है। सास-ससुर की हौंसला अफजाई न मिलती तो स्टेयरिंग संभालना मुश्किल हो सकता था। इसकी बड़ी वजह ये है कि मीनाक्षी का एक बेटा चार साल का है तो दूसरे की उम्र डेढ़ वर्ष है। वो जब बागपशोग में स्थित शी हाट में अपनी सेवाएं प्रदान करने जाती है तो सास-ससुर ही बच्चों की देखभाल करते हैं।
शी हाट (She Haat) में क्षेत्र की करीब 25 महिलाएं स्वावलंबी हो गई हैं, जो अलग-अलग उत्पाद तैयार करती हैं। फिलहाल मीनाक्षी ने एलएमवी (LMV) का लाईसेंस (License) हासिल किया हुआ है, लेकिन वो एचएमवी (HMV) लाईसेंस हासिल करने का भी प्रयास करना चाहती है। शी हाट से ई-रिक्शा की जिम्मेदारी तैयार उत्पाद (Product) को मार्किट में ले जाने के साथ-साथ अन्य सामान की आपूर्ति करने की भी है। अलबत्ता यह माना जा सकता है कि मीनाक्षी शर्मा की सिरमौर की पहली ऑटो ड्राईवर (Auto Driver) हैं। सीए शिव कुमार गर्ग ने कहा कि आश्चर्य मिश्रित प्रसन्नता के साथ सोमवार को मीनाक्षी से मिलने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार का महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की दिशा में शी हाट एक सराहनीय कदम है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में मीनाक्षी ने कहा कि सास-ससुर के सहयोग के बिना उसका घर से निकलना मुश्किल था। पति भी हर कदम पर साथ देते हैं। कोरोना काल में पति को निजी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा था। उन्होंने कहा कि बचपन से ही वाहनों को चलाने का शौक था। धीरे-धीरे पति से ड्राईविंग सीख ली। अब ई-रिक्शा चलाने का अवसर मिला है। बहरहाल कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जिस मकसद से शी हाट की स्थापना की गई थी, वो मकसद साकार हो रहा है।