शिमला, 19 नवंबर : क्या देहरा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए जमीन ट्रांसफर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की तल्खी इत्तफाक है। कही, इसकी स्क्रिप्ट पहले ही तो नहीं लिखी जा चुकी थी। राजनीतिक हलकों में सवाल का जवाब तलाश किया जा रहा है। अगर देहरा के कार्यक्रम से चंद रोज पीछे के राजनीतिक घटनाक्रम के फ्लैशबैक में जाएं तो दो बातें मुख्य तौर पर सामने आती हैं। पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अचानक ही दिल्ली तलब कर लिया। इसके बाद हिमाचल के दौरे में व्यस्त केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर को भी दिल्ली बुला लिया जाता है। उन्हें तय कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली जाना पड़ता है। इसके बाद देहरा सेंट्रल यूनिवर्सिटी का मामला सुर्खियां बनता है।
हालांकि तीन साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पार्टी के भीतर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन सार्वजनिक मंच पर जो कुछ हुआ उससे कई सवाल पैदा हो रहे हैं। संदेह इस बात पर भी पैदा हो रहा है कि क्या केंद्र द्वारा अब अनुराग ठाकुर को हिमाचल का फ्री हैंड देने की तैयारी है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की व्यक्तिगत छवि बेदाग रही है, लेकिन कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य निदेशालय में कथित घोटाले के साथ-साथ फैसलों में यू-टर्न को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर रही। इसके इलावा सीएम पर अफसरशाही पर कमजोर पकड़ को लेकर भी निशाना साधा जाता रहा है।
करीब तीन सप्ताह के भीतर दिल्ली ने अनुराग ठाकुर का राजनीतिक कद बढ़ाया है। इसके संकेत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल के लोकार्पण के दौरान भी दिए थे। अब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को जम्मू व कश्मीर में पंचायती व स्थानीय निकायों के चुनाव का प्रभारी भी बनाया गया है। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि केंद्र का आलाकमान अब हिमाचल को अनुराग ठाकुर को सौंपने की तैयारी में है। अगर 2017 के विधानसभा चुनाव के फ्लैशबैक में ले जाया जाए तो याद कीजिए कि देश के मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह ने सिरमौर के राजगढ़ में भाजपा के मुख्यमंत्री के कैंडिडेट पर प्रेम कुमार धूमल की घोषणा की थी। इस जनसभा से पहले अनुराग ठाकुर भी अमित शाह के साथ मौजूद थे, लेकिन वह जनसभा में नहीं आए थे। सीएम कैंडिडेट के उम्मीदवार के चुनाव हार जाने पर लाजमी तौर पर समर्थकों व परिवार को बड़ा झटका लगा था, लेकिन तीन साल बाद सत्ता की धुरी बदलती नजर आ रही है।
बता दें कि देहरा के विधायक होशियार सिंह ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मसले पर केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर को निशाने पर लिया था इसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री को 200 करोड़ ही मुहैया करवाने को कहा था। विधायक ने कहा था कि केंद्रीय मंत्री 500 करोड़ की बात कर रहे हैं अगर 200 करोड़ ही मुहैया करवा दें तो भी बेहतर होगा।
यह था मसला…
दरअसल, दो दिन पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अफसरशाही को लताड़ लगाने के साथ-साथ इस बात पर खेद जता दिया था कि अपनी ही सरकार सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मामले में ढिलाई बरत रही है। इस टिप्पणी पर आग में घी उस समय डल गया जब मुख्यमंत्री ने भी पलटवार करते हुए यह कह दिया कि मामला उनके समय का नहीं है। भूतकाल का मामला है। बहरहाल हिमाचल के दो दिग्गजों के बीच तनातनी चल रही है। खैर, देखते हैं कि ऊंट किस करवट बैठता है।