बद्दी (एमबीएम न्यूज़) : बडे उद्योगों की बेरुखी व उदासीनता के चलते बीबीएन में कार्यरत सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों पर अस्तित्व का संकट आ खडा हुआ है जिसको लेकर सरकार को विशेष नीति बनानी चाहिए। यह विचार एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित वेंडर डिवैलप कार्यक्रम में विभिन्न उद्योग संगठनों के वक्ताओं ने विचार प्रकट किए। तकनीक सत्र में उत्तर रेलवे, बैंकों व उद्योग संगठनों के नेता शामिल थे। लघु उद्योगों की पैरवी करते हुए मोहन एस. पैकेजिंग बददी के निदेशक अखिल मोहन अग्रवाल ने कहा कि आज के माहौल में आलम यह है कि यहां के बडे उद्योग स्थानीय सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के प्रति सहयोग नहीं दिखा रहे। बडे उद्योग अपने लिए प्रयुक्त होने वाला माल व उत्पाद हमारे से न लेकर दिल्ली,मुंबई व अन्य स्थानों से ले रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि उद्योग विभाग द्वारा उद्यम स्थापित करने पर 15 फीसदी सब्सिडी दी जाती है लेकिन एक एक साल बाद भी फाईलें कार्यालयों में लटकी रहती है जिसका त्वरित समाधान होना जरुरी है।
कलोराईड कैम के निदेशक लघु उद्यमी अनिल मलिक ने कहा कि हम बडे उद्योगों की जरुरत के हिसाब से हर उत्पाद तैयार करते हैं लेकिन जब काम देने की बारी आती है बडे कारखाने दूसरे राज्यों से माल ले लेते हैं। केंद्र व प्रदेश सरकारों को चाहिए कि वह कोई ऐसी नीति बनाए जिससे बडे उद्योगों को 50 फीसदी अपनी जरुरत का सामान हिमाचली उद्योगों से ही लेना पडे। लघु उद्योग भारती औद्योगिक क्षेत्र बददी के अध्यक्ष राजीव कंसल ने कहा कि एमएसएमई विभाग को लघु उद्योगों व बडे औद्योगिक घरानों के बीच सेतू का काम करना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा एसएसआई वेंडर डिवैल्प हो सके। उद्यमी पी के जैन ने कहा कि यह सर्व विदित है कि 80 फीसदी रोजगार छोटे उद्योग देते हैं जबकि 20 फीसदी रोजगार बडे उद्योग देते हैं लेकिन फिर भी लघु उद्योगों उपेक्षित श्रेणी में रहते हैं। टूल रुम चलाने वाले माईक्रो उद्यमी चेतन नागर का कहना है कि बडे उद्योग छोटे उद्योगों से जो माल लेते हैं उसका मूल्य काफी कम बताते हैं और एसएसआई सैक्टर की दिक्कतों से अंजान रहता है। वो मुंबई से अपने उद्योग की जरुरत पूरी करते है न कि स्थानीय लघु उद्योगों को प्रोमोट करते हैं। इस अवसर पर उत्तर रेलवे के अधिकारियों भी अपने विचार रखे और लघु उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौरान आ रही चुनौतियों पर तैयार रहने का आहवान किया। इस अवसर पर इस अवसर पर एमएसएमई विभाग के निदेशक सी.वी सर्राफ, सहायक निदेशक राजीव कुमार, बीरबल मीणा, ब्रहमप्रकाश, संजय वर्मा, वीर सिंह, बीबीएनआईए के उपाध्यक्ष मुकेश जैन, केनरा बैंक बददी के मैनेजर पी.पी शर्मा, लघु उद्योग भारती दून के अध्यक्ष राजीव कंसल, बददी चैप्टर के प्रधान धर्मपाल गोयल, अनिल मलिक, चेतन स्वरुप, दीपक कुशवाहा, किशोर ठाकुर, पंकज गुप्ता, मनमोहन शर्मा, दुष्यंत, अखिल मोहन अग्रवाल, सुधीर गुप्ता, गत्ता उद्योग संघ के प्रधान हेमराज चौधरी, महामंत्री अशोक राणा, नवीन वत्स, एन.पी.कौशिक, नीरज गुप्ता, सार्थक, यशराज, केवल सिंह, महेश कौशल, संजय कुमार, दिनेश जैन, करुण कश्मीरी, विपिन गुप्ता, संजीय भसीन, हिमाचल प्रिंटर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा विक्रम बिंदल, डा श्रीकांत शर्मा, कौशल शर्मा, सी के वालिया, सहित कई उद्यमी उपस्थित थे।