नाहन 29 अक्तूबर : क्या शहर में बंदरों (Monkey) को जहर (Poison) देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है, यह सवाल इस कारण उठा है क्योंकि वीरवार सुबह प्राचीन जगन्नाथ मंदिर (Jagnnath temple) के परिसर में एक बंदर ने तड़प-तड़प कर जान दे दी। जबकि दूसरे बंदर को उपचार के लिए पशु चिकित्सालय (Veterinary hospital) भेजा गया है। मौके पर पहुंची नगर परिषद (Municipal Council) की टीम ने मृत (Dead) बंदर को कब्जे में लेकर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रत्यक्षदर्शियों (Eye witness) की माने तो मरने वाले बंदर का पूरा शरीर नीला पड़ चुका था इससे यह साफ तौर पर प्रतीत हो रहा है कि बंदरों को अज्ञात लोगों द्वारा जहर दिया जा रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि शहर में बंदरों की समस्या (Monkey Menace) काफी पुरानी है, लेकिन इस अमानवीय (Inhuman) तरीके से बंदरों को जहर देना कितना सही है यह जनता को ही तय करना है।
बता दें कि कई सर्वेक्षण में यह साबित हो चुका है की गलियों में फेंके जाने वाली गंदगी की वजह से ही बंदर कूड़े के ढेर में खाने को तलाशते हैं। अगर नागरिक बोध (Civic sense) के चलते लोगों द्वारा बंद कूड़े के ढेर लगाने बंद कर दिया जाए तो बंदर भी कुदरती (Natural) तौर पर खाने की तलाश में जंगलों का रुख कर लेंगे। उधर प्राचीन जगन्नाथ मंदिर के पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि आज सुबह दो बंदर बुरी तरह से तड़प रहे थे। इसमें से एक की मौत (Death) हो गई, जबकि एक को उपचार के लिए पशु चिकित्सालय भेजा गया है।
उधर कच्चा टैंक के रहने वाले प्रवीण पुंडीर ने बताया कि अब तक वो बंदरों के 7 शवों को दफना चुके हैं।