शिमला, 28 अक्तूबर : रोहड़ू में पब्बर पुल पर करोड़ों की राशि से बन रहे पुल के ढहने के मामले में प्रदेश सरकार ने पीडब्लयूडी (PWD) के तीन इंजीनियरों (Engineers) पर चार्जशीट (Chargesheet) की कार्रवाई की है। इनमें पूर्व एक्सईएन, पूर्व एसडीओ और पूर्व जेई सिविल शामिल हैं। विभागीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। दरअसल पुल ढहने के वक्त ये तीनों इंजीनियर रोहड़ू में तैनात थे तथा हादसे के बाद इन तीनों को सस्पैंड (Suspend) कर दिया गया था।
जानकारी अनुसार इस मामले की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने सरकार को जो रिपोर्ट दी है, उसके अनुसार पुल में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। निम्न स्तर की निर्माण सामग्री के साथ उक्त विभागीय इंजीनियरों (Departmental engineers) ने पुल के पर्यवक्षण व निरीक्षण में भी कोताही बरती। पुल के ढहने से सरकार को करोड़ों का चूना लगा है। मुख्यमंत्री कार्यालय की देखरेख में चल रही गुणवता नियंत्रण समिति ने भी इस मामले की जांच की थी। जिसके आधार पर इसी साल मई महीने के तीसरे हफ्ते में सरकार ने तीनों इंजीनियरों को सस्पैंड किया था।
गौर हो कि रोहड़ू के बखीरणा में पब्बर नदी पर इस पुल का निर्माण कार्य 2018 में शुरू हुआ था। रोहड़ू-मेंदली बाइपास को जोड़ने के लिए पुल बनाया जा रहा था। 96 मीटर लंबा इस पुल के निर्माण पर 20 करोड़ का खर्च आ चुका था तथा निर्माण कार्य अंतिम चरण में था। पंचकूला की एक कंपनी इस पुल को बना रही थी। इसी वर्ष 13 मई को पुल अचानक घ्वस्त हो गया। इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था।
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