सोलन (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल प्रदेश सरकार के उन कड़े निर्देशों सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टर धज्जियां उड़ा रहे हैं जिसमें रोगियों को सस्ती एवं जेनेरिक दवाएं लिखने की बात कही गई है। डॉक्टर पर्चियों पर महंगी दवाइयां लिखकर गरीब रोगियों को महंगी दवाएं खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने इस मुद्दे को लेकर बवाल मचा दिया है। इस संदर्भ में बुधवार को मुख्य चिकित्सक अधिकारी सोलन को संगठन ने एक ज्ञापन सौंपा है,जिसमें संगठन ने क्षेत्रीय अस्पताल में तैनात डॉक्टरों को सस्ती व जैनेरिक दवाइयां लिखने की मांग की है।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने जिला अस्पताल सोलन की ढुलमुल कार्यप्रणाली के खिलाफ मोरचा खोल दिया है। सरकार के कड़े निर्देशों के बावजूद भी क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में तैनात चिकित्सक रोगियों की पर्चियों पर महंगी दवाइयां लिख रहे हैं। गरीब व बीपीएल परिवार से ताल्लुक रखने वाले लोगों को चिकित्सकों द्वारा लिखी गई महंगी दवाइयां खरीदने के लिए विवश होना पड़ रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल में बिगड़ी सफाई व्यवस्था व वर्षों से बंद पड़े जनौषधि केंद्र को लेकर भी अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है।
बुधवार को अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का एक शिष्ट मंडल प्रदेश सचिव रमन प्रि ,जिलाध्यक्ष एवं ग्राम पंचायत सपरून के पूर्व प्रधान अनिल कुमार के नेतृत्व में सीएमओ सोलन डा. आरके धरोच से उनके कार्यालय में मिला। इस दौरान संगठन ने एक मांग पत्र उन्हें सौंपा और मांग रखी कि क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में बंद पड़े जनौषधि केंद्र को जन सुविधा के लिए अविलंब खोला जाए तथा केंद्र में रोगियों के लिए पर्याप्त मात्रा में सस्ती एवं जैनेरिक दवाइयों को उपलब्ध करवाया जाए। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने सीमओ के समक्ष चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार कड़े निर्देशों के बावजूद भी क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में तैनात डॉक्टर रोगियों को जैनेरिक दवाइयों की बजाए महंगी दवाएं लिख रहे हैं। डॉक्टर गरीब तबके से ताल्लुक रखने वाले लोगों को भी महंगी दवाइयां खरीदने के लिए विवश कर रहे हैं। संगठन ने डॉक्टरों से सवाल किया है कि उनकी ऐसी कौन सी मजबूरी है कि सरकार के निर्देशों के बावजूद भी वह रोगियों को महंगी दवाइयां लिख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर मनमानी से कार्य कर रहे हैं जिसे बर्दाशत नहीं किया जाएगा। क्षेत्रीय अस्पताल में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। अस्पताल का ऐसा कोई वार्ड नहीं हैं जहां गंदगी का आलम देखने को न मिले। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल में ज्यादातर टेस्टों की सुविधा है,लेकिन डॉक्टर अस्पताल में किए जाने वाले टेस्टों को तरजीह न देते हुए रोगियों को निजी लैबों में टेस्ट के लिए भेज रहे हैं।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने आरोप लगाया है कि सीएमओ सोलन सरकार के आदेशों को क्रियान्वित करने में विफल साबित हो रहे हैं। जनहित में सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों की जो अधिकारी व चिकित्सक पालना नहीं करता उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर सरकार को उन्हें बर्खास्त करें। संगठन ने सरकार से यह भी मांग की है कि जो डॉक्टर निर्देशों के बावजूद भी रोगियों को सस्ती एवं जैनेरिक दवाइयां नहीं लिखते उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाही अमल में लाई जाए।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने कहा है कि इस मुद्दे को लेकर जल्द ही एक शिष्टमंडल स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह व स्वास्थ्य सचिव से मिलेगा। संगठन ने जिला स्वास्थ्य विभाग को यह भी चेतावनी दी है कि यदि एक महीने के भीतर डॉक्टरों ने जैनेरिक दवाइयां कैपिटल शब्दों में लिखनी आरंभ नहीं की तो प्रदेशव्यापी आंदोलन का बिगुल बजा दिया जाएगा। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सोलन के कार्यालय का घेराव किया जाएगा। इस मौके पर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राजेंद्र ठाकुर, एमएल ठाकुर, प्रशांत शर्मा, प्रकाश, देवानंद गौत्तम व त्रिलोक आदि सदस्य उपस्थित थे। उधर सीएमओ सोलन डा. आरके धरोच ने कहा कि सभी डॉक्टरों को समय-समय पर रोगियों को जैनेरिक दवाएं लिखने के निर्देश दिए जाते हैं। क्षेत्रीय अस्पताल में सफाई व्यवस्था में काफी सुधार लाया गया है तथा जनता की सुविधा के लिए जल्द ही जनौषधि केंद्र खोल दिया जाएगा।