शिमला, 23 अक्तूबर : क्या आप, विश्वास करेंगे…जेल में बंद एक कैदी सुधीर कुमार (परिवर्तित नाम) सालाना 8 लाख का पैकेज कमा सकता है। जी हां, ये एक सच्चाई है। हिमाचल के जेल विभाग (Himachal Jail Department) में सुधारात्मक (reformative) प्रयासों के तहत ऐसा हुआ है। जेल विभाग के महानिदेशक (Director General of Prisons Department) सोमेश गोयल की कोशिशों की वजह से हत्या के आजीवन कारावास सजायाफ्ता (Life imprisonment) कैदी को ये अवसर हासिल हुआ है। अब आपके जहन में सवाल यह भी उठ रहा होगा कि आखिर ऐसा हुआ कैसे।
दरअसल, क्षणिक आवेश (Momentary Huff) में आकर 2010 में सुधीर से एक जुर्म हो गया था। इस पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की (IIT Roorkee) से पढ़ाई छूट गई। उम्रकैद की सुजा सुना दी गई। हालांकि सुधीर कई बरस पहले से शिक्षा का ज्ञान बांट रहा है। लेकिन इस बार इस कारण चर्चा में है, क्योंकि उसे ऑनलाइन ही पढ़ाने के लिए सालाना 8 लाख का पैकेज हासिल हुआ है। दीगर है कि सुधीर से शिमला के ही एक होटल में अपनी सहपाठी की फरवरी 2010 में क्षणिक गुस्से की वजह से हत्या हो गई थी। जेल के अधिकारियों ने ही सुधीर को रचनात्मक कार्यों (Creative works) के प्रति प्रेरित किया।
मौजूदा जेल विभाग के महानिदेशक सोमेश गोयल ने सुधीर को साफ्टवेयर (Software) बनाने का मौका दिया। निश्चित तौर पर सुधीर आज अपराध से कोसों दूर शिक्षा में ही एक मिसाल कायम कर रहा है। इसके लिए न केवल खुद, बल्कि जेल विभाग भी बधाई का पात्र है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए जेल विभाग के महानिदेशक सोमेश गोयल ने कहा कि उसे कोरोना संकट के दौरान एक नामी संस्थान ने विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 8 लाख रुपए सालाना का पैकेज (Annual package) दिया है। उन्होंने कहा कि संभव है कि ऐसा पहली बार है, जब किसी सजायफ्ता कैदी को इस तरह से पैकेज मिला हो। संस्थान को उसकी काबलियत अच्छी लगी है। उन्होंने बताया कि उसके द्वारा जेल विभाग की भर्ती परीक्षा का भी साफ्टवेयर तैयार किया गया था। बता दें कि जेल विभाग पिछले कई सालों से कैदियों को क्षमता के मुताबिक रोजगार मुहैया करवाने का भी अवसर प्रदान कर रहा है। इसकी बड़ी मिसाल सुधीर बनकर सामने आया है।