शिमला,19 अक्तूबर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) हिमाचल प्रदेश की विश्वविद्यालय (University) इकाई ने प्रशासन की नीतियों के विरुद्ध शव प्रदर्शन(Dead body agitation) किया। इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि प्रदर्शन विश्वविद्यालय के द्वारा जिस तरह से छात्रों के भविष्य को दरकिनार करते हुए तानाशाही (Dictatorship) फैसले लिए जा रहे हैं, उसी को लेकर यह शव प्रदर्शन छात्रों के भविष्य का प्रतीकात्मक है। पिछले कई दिनों से अभाविप के कार्यकर्ता कुलपति से मिलना चाहते हैं, लेकिन अभी तक कुलपति सामने नहीं आ रहे हैं। उल्टा पुलिस का छात्रों के विरुद्ध इस्तेमाल किया जा रहा है।
शनिवार को मारपीट में विद्यार्थी परिषद के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं, उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए। विशाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पहले पीजी प्रवेश परीक्षा (Entrance Exam) के नाम पर 1.5 करोड़ छात्रों से वसूल किए और अब मेरिट (Merit) आधारित दाखिले किये जा रहे है। अपने दफ्तर में तो कुलपति पांच लोगों से अधिक छात्र नहीं आने देते तो अभाविप ने उनके दफ्तर के बाहर ही मिलकर कुछ सवाल करने चाहे लेकिन तानशाही दिखाते हुए कुलपति 2 घण्टे तक गाड़ी में बैठे रहे , इसके बाद मजबूरन विद्यार्थी परिषद शांतिपूर्वक(Peaceful) नारेबाजी करती है, इसी दौरान पुलिस की क्यूआरटी (Quick Response team) की एक गाड़ी विश्वविद्यालय आती है और छात्रों को रगड़ कर किनारे किया जाता है। छात्रों के खिलाफ पुलिस बल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें कुछ को चोटें भी आई हैं। सारा दिन नारेबाजी करने बावजूद भी कुलपति बातचीत नहीं करते, यह तानाशाही नहीं तो क्या है ।
विशाल ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन (University Administration) इसी तरह अपनी तानांशाही पर अड़ा रहा तो अपने आंदोलन को अभाविप आने वाले दिनों में और उग्र करेगी। मुद्दों को लेकर जिस तरह छात्रों के भविष्य को अंधकार में डाला जा रहा है उसी को दिखाते हुए प्रतीक के रूप में शव प्रदर्शन किया गया। विद्यार्थी परिषद पर आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक विद्यार्थी परिषद की मांगे स्वीकार नहीं होती और कुलपति विद्यार्थी परिषद के सवालों का जवाब नहीं देते।
प्रमुख मांगे :
1. पीजी कक्षाओं में दाखिले प्रवेश परीक्षा के आधार पर होने चाहिए।
2. यूजी पेपर चेकिंग में आ रही अनियमितताओं को शीघ्र दूर किया जाए।