मंडी, 12 अक्तूबर : कोरोना के कारण लगभग सात महीनों तक मंदिरों के बंद रहने के बाद अब जिला प्रशासन ने मंदिरों को खोलने और देवताओं के रथों या पालकी को स्थानीय हारियानों में निकालने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही कोरोना के बचाव के चलते जिला प्रशासन के द्वारा इस बारे में एसओपी भी जारी की गई है। जिला प्रशासन मंडी के आदेशों के बाद सर्व देवता सेवा समिति जिला मंडी ने खंड स्तर पर जाकर विभिन्न स्थानों पर देवता समितियों, गुरों, पुजारियों व बजंतरियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। जिसमें चुहार घाटी और द्रंगशिरा के 25 कारदारो की बैठक पधर में, सनोर बालीचौकी, पंजाई (सराज) के 42 कारदारो की बैठक थलौट, बदार, चौलचौक, श्री देव बालाकामेशवर काण्ढी (बल्ह) में सदर और बल्ह के 34 कारदारो व कटौला में उतरशाल के 22 कारदारो के साथ बैठकें की गई।
इन बैठकों में समस्त देव समाज को देवता के अपनी हरियानों में संचालन करने के लिए जिलाधीश द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार देवरथ कोठी भंडार से निकालने पर समस्त श्रद्धालुगण, समितियां और बजंत्रीगण मास्क का प्रयोग करेंगे और उचित दूरी बनाकर देवी देवताओं के साथ संचालन करेंगे। शिव पाल शर्मा ने बताया कि देवता के साथ 100 श्रद्धालु गण और 15 बजंत्रीगण होंगे। जहां देवता ठहरेगें वहां समितियां सभी दिशा-निर्देशों का पालन करेंगी।
उन्होंने बताया कि नवरात्रों के दौरान जिला में सभी देव समितियां मंदिरों में पूजा पाठ और यज्ञ के समय यह ध्यान रखेंगी कि जो श्रृद्धालु गण 65 वर्ष से ऊपर, बचे 10 वर्ष से कम और गर्भवती महिलाएं मंदिरों में आती है तो उनको कोरोना के दिए गये दिशा-निर्देशों का पालन करने के उपरांत लाईन में सभी के साथ खड़ा नहीं किया जाएगा व उन्हें अलग से दर्शन करवाऐं जाएंगें। साथ ही देवता समिति ने मंदिरों को खोलने के लिए सरकार का आभार भी जताया है।