ऊना,10 अक्तूबर : हिमाचल प्रदेश में बड़का भाउ (Badka Bhau) व समाजसेवी(Social service) के तौर पर पहचान रखने वाले संजय शर्मा (Sanjay Sharma) ने माता-पिता को खो चुके तीन बच्चों को गोद (Adopt) लेने का ऐलान किया है। बच्चों की व्यथा वायरल होने के बाद शर्मा बगैर देरी के धर्मशाला से ऊना जनपद की हार तहसील के जनौर गांव पहुंच गए। हालांकि एमबीएम न्यूज नेटवर्क को बच्चों की मदद के लिए लगातार फोन आ रहे है, साथ ही मैसेज भी मिल रहे थे, लेकिन संजय शर्मा ने सीधे ही बच्चों से मिलने का फैसला किया।
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…आज से मैं ही आपका ताया, चाचा व मामा हूं। आप मुझे जो चाहे कहकर बुला सकते हैं। यह बात शर्मा ने अनाथ (Orphan) हुए बच्चों से बातचीत में कही। संजय शर्मा शनिवार सुबह बच्चों के घर पहुंचे, जहां पर बच्चों का दुख सांझा(Share) किया। तीनों बच्चों को गोद लेने की बात कहते हुए हर संभव मदद करने की बात कही। इस दौरान शर्मा ने बच्चों को फौरी राहत (Interim relief) भी दी। बता दें कि जनकौर गांव में सोमवार को तीन बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। सिर से करीब 7 साल पहले पिता का साया उठ गया था। वही महज 45 वर्ष की उम्र में मां के निधन (Mother death) ने तीन बच्चे टूट गए। परिवार के बच्चों में सबसे बड़ी बेटी की 19 वर्ष, सबसे छोटा भाई है, जिसकी उम्र 17 साल का है, एक 18 वर्ष की है। मां की मौत के बाद अब तीनों बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा । पिता की मौत के सदमे (Shock) को मां के सहारे जीने वाले तीनों बच्चों में मां की मौत का सदमा सहने के हिम्मत भी नहीं बची है। लेकिन जिस तरीके से सोशल मीडिया यूज़र्स(social media users) मदद को आगे आ रहे है, उससे इन बच्चों में एक उम्मीद(Hope) पैदा हो गई है कि वो संसार में अकेले (Alone) नहीं है।
हिमाचल में तीनों बच्चों पर टूटा दुखों का पहाड़…पिता की मौत के बाद अब उठा मां का साया
बच्चों के संगे संबंधी तो माता की मौत के बाद घर पहुंच गए है, मगर बच्चों को खुद अपने पेट भरने की चिंता भी सताने लगी थी। शर्मा ने कहा कि अब से मेरे बच्चों की संख्या में इजाफा हो गया। जहां आज तक अन्य बच्चों का पालन पोषण(Upbringing) कर रहा हूं। वहीं अब इन तीन बच्चों की भी ज़िम्मेदारी(Responsibility) भी मेरी होगी। उन्होंने कहा कि बेटियों (Daughters) की जिम्मेवारी पूरी तरह से उनकी है,बच्चियां जहां तक भी शिक्षा ग्रहण(Education) करना चाहती हैं, पूरी मदद की जाएगी। ग़ौरतलब है कि परिवार की सबसे बड़ी बेटी 19 वर्षीय ऋषिता पीजी कॉलेज ऊना (Una) में बीए कर रही है। जबकि उसकी छोटी बहन अंशिता, जिसकी उम्र महज अभी 18 साल है, वह कक्षा नौंवी तक पढ़ी है। वही 17 साल का सबसे छोटा भाई आर्यन जमा दो में शिक्षा ग्रहण कर रहा है।
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