शिमला, 26 सितम्बर : प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी (IGMC) के डाॅक्टर कोरोना से जान गंवाने वाली महिला के नवजात के लिए भगवान बने हैं। कोरोना पाॅजिटिव (Corona positive) महिला की सीजेरियन आपरेशन (operation) के बाद जिला सोलन में मौत हो गई। इस महिला का नवजात बच्चा मात्र 1200 ग्राम था तथा गंभीर अवस्था में उसे आईजीएमसी रैफर किया गया था। लिहाजा बच्चे को बचाना आईजीएमसी के डाॅक्टरों के लिए चुनोती भरा था। दरअसल बच्चे का पिता भी कोरोना से ग्रसित निकला। इन हालातों में आईजीएमसी में बच्चे की देखरेख करने वाला भी कोई नहीं था। ऐसे में आईजीएमसी के डाॅक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ (Paramedical staff) ने इंसानियत की मिसाल पेश कर बच्चे की देखरेख की।
आईजीमएसी में बच्चे का सफल उपचार (Treatment) हुआ और बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है। उसका वजन 1700 ग्राम हो गया है। खुशी वाली बात यह है कि बच्चे के पिता ने भी कोरोना से जंग जीत ली है और डाॅक्टरों ने शनिवार बच्चे को उसके पिता को सौंप दिया है।
शनिवार को पत्रकार वार्ता के दौरान बच्चे के पिता ने बिलखते हुए कहा कि उसका कोई नहीं था। यहां के डाॅक्टर उसके लिए भगवान समान बने हैं, यह अहसान वह कभी भी चुका नहीं सकता। आईजीमएसी के प्रिंसिपल (Principal Rajneesh Pathania) रजनीश पठानिया ने कहा कि चूंकि नवजात के माता-पिता दोनों कोरोना संक्रमित थे, ऐसे में जब तक बच्चे के कोविड टेस्ट रिपोर्ट जब तक नहीं आनी थी, तब तक उसकी देखभाल करना चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा कि बच्चे की रिपोर्ट आने तक उसे आइसोलेशन (isolation) में रखा गया। बच्चे को पाइप के जरिए दूध दिया गया। 12-12 घंटे डॉक्टर और नर्सें (Doctors and nurses) उसके पास रही।
आईजीमएसी के पेडियाट्रिक्स विभागाध्यक्ष डॉ. अश्विनी सूद ने बताया कि बच्चा 8 महीने में सिजेरियन से पैदा हुआ। इसलिए वजन कम रहा। आईजीएमसी के रेजिडेंट डाॅक्टर सचिन ने बच्चे की पूरी देखभाल की। बच्चे के पिता जब नेगेटिव (Negative)) आए तो उन्हें दो दिन तक यहां पर बच्चे को गिलास से दूध पिलाना भी सिखाया गया, ताकि वे उसका अच्छे से देखभाल कर सकें।
उल्लेखनीय है कि गत 9 सितंबर को कोरोना पॉजिटीव महिला की सिजेरियन के बाद एमएमयू (MMU) सोलन में मौत हो गई थी। बच्चे को सांस में समस्या लेने के कारण तुरंत आईजीमएसी रैफर किया गया। 17 दिन बच्चे का उपचार चला। बच्चे का पिता मूलतः यूपी का रहने वाला है और सोलन में परवाणु में कार्यरत है।