शिमला,19 सितंबर : एसएफआई (SFI) की शिमला जिला इकाई द्वारा ज्ञापन के माध्यम से शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) के समक्ष बात रखते हुए कहा है कि हिमाचल के भीतर कोविड -19 के चलते छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। ज्ञापन का उद्देश्य शिक्षा पर 18% जीएसटी के प्रस्ताव का विरोध था। एसएफआई ने शिक्षा पर 18% जीएसटी के प्रस्ताव को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की है। इसके साथ कहा गया कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में जल्दबाजी की जा रही है और एसएफआई मांग करती है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वापस लिया जाये।
एसएफआई काफी लम्बे समय से इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विरोध कर रही है, क्योंकि इस नीति के माध्यम से केंद्र की भाजपा सरकार लगातार संविधान के संघीय ढांचे को खत्म करने की कोशिश कर रही है। इसके साथ साथ केंद्र की जो सरकार है वो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा का केन्द्रीकरण करने की कोशिश कर रही है और निजीकरण को लगातार बढ़ावा दे रही है। दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा भी शिक्षा नीति को जल्दबाजी में प्रदेश के अंदर लागू करने की कोशिश की जा रही है।
एसएफआई प्रदेश सरकार से और शिक्षा मंत्री से मांग करती है कि वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जल्दबाजी में लागू न करें। इसके साथ साथ एसएफआई शिमला जिला इकाई ने प्रदेश के अंदर एकमात्र उत्कृष्ट महाविद्यालय संजौली में गर्ल्स हॉस्टल की मांग को सामने रखा प्रदेश सरकार ने वादा किया था कि संजौली महाविद्यालय के अंदर गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण किया जायेगा पर अभी तक निर्माण का कोई भी काम शुरू नहीं हुआ है। एसएफआई जिला शिमला इकाई ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के सामने बात रखते हुए कहा कि संजौली महाविद्यालय के अंदर 70% गर्ल्स पढ़ाई करती है पर उनके लिए अभी भी हॉस्टल की सुविधा अभी तक उन्हें नहीं दी गई है तो उसे भी जल्दी से जल्द बनाने की एसएफआई मांग करती है।
ये थी मांगे :
1) हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा पर 18% जीएसटी के प्रस्ताव को वापस लिया जाए।
2) छात्रों की छात्रवृत्ति को जल्द से जल्द दिया जाए।
3) छात्रों और उनके परिवारों के लिए विशेष भत्ता दिया जाए।
4) नकली निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी किया जाए।
5) कॉलेज में सभी छात्रों के लिए हॉस्टल की सुविधा दी जाए।
6) प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रमोट किया जाए।
7) राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वापस लिया जाए।
एसएफआई जिला अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बिना तैयारी के साथ प्रदेश में लागू करने जा रही। अनिल ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के प्रयोगशाला बनाया जा रहा है। पहले रूसा को बिना किसी तैयारी के 2013 में थोपा गया जिसका खमियाजा प्रदेश का छात्र भुक्त चूका है। एसएफआई प्रदेश सरकार के मांग करती है कि इस फैंसले पर दोबारा विचार विमर्श किया जाये ।