शिमला, 17 सितंबर: ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा है कि पार्वती पनविद्युत परियोजना (Parvati Hydroelectric Project) के कारण प्रभावित परिवारों का मामला प्रदेश सरकार एनएचपीसी (NHPC) से उठाएगी। इस परियोजना से प्रभावित (Project affected) 609 परिवारों में से 33 लोगों को स्थाई रोजगार उपलब्ध करवाया गया है और निर्धारित पैकेज का लाभ प्राप्त कर लिया है।
विधायक सुरेंद्र शौरी द्वारा नियम 62 के तहत लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में ऊर्जा मंत्री ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोगों की मांग है कि स्थाई रोजगार जो 60 वर्ष तक देना है, उसमें जो प्रभावित परिवार बच गए हैं, उनके किसी परिवार के अन्य सदस्य को रोजगार दिया जाए। जबकि मुआवजा लेने वालों की मांग है कि यह राशि कम है और इसे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि एनएचपीसी प्रबंधन ने इस मामले को बीओडी में ले जाने की बात कही है, लेकिन अभी तक बीओडी की बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई है। वे एनएचपीसी प्रबंधन से कहेंगे कि वे प्रभावितों को बीओडी की बैठक में ले जाएं।
इससे पूर्व भाजपा सदस्य सुरेंद्र शौरी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि सैंज घाटी में बनी पार्वती पनबिजली परियोजना के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इसमें 600 से अधिक परिवार पात्र पाए गए, लेकिन 33 लोगों को ही स्थाई रोजगार दिया। शेष 550 से अधिक लोगों को यह कहा गया कि जब वैकेंसी होगी, तब रोजगार देंगे, लेकिन रोजगार नहीं दिया।