शिमला/ मंडी 16 सितंबर : मशहूर अभिनेत्री कंगना रणौत के पूर्वज करीब 150 साल पहले राजस्थान से आकर हिमाचल में बसे थे। जनवरी 2019 में पैतृक क्षेत्र के धबोई मेें अपनी कुलदेवी के भव्य मंदिर का निर्माण पूरा करवाया था। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान ही इस बात का खुलासा हुआ था कि पूर्वज राजस्थान से आए हैं। यह भी बताया गया था कि अभिनेत्री की मां आशा रणौत को सपने में एक कन्या दिखाई देती थी। इसका जिक्र परिवार ने पंडितों से किया तो इसे कुलदेवी से जोड़ा गया, लेकिन परिवार को ये पता ही नहीं था कि कुलदेवी कहां है। इसके बाद कंगना ने ही पूरी जानकारी जुटाने का फैसला लिया।
मां द्वारा जिम्मेदारी सौंपने के बाद कंगना राजस्थान के उदयपुर के जगत गांव पहुंच गई, जहां कंगना को देवी अंबिका का लगभग 1200 साल पुराना मंदिर मिला। फिर परिवार ने पैतृक गांव में मंदिर का निर्माण करने का फैसला लिया। देवी अंबिका के साथ भगवान शिव का भी मंदिर बनवाया गया है। राजस्थान से ही निर्माण करने वालों को बुलाया गया था। पूरा मंदिर रैड स्टोन से बना है। इस मंदिर की खास बात यह है कि इसमें एक भी कील का इस्तेमाल नहीं किया गया है। व्हाइट सीमेंट का इस्तेमाल करते हुए निर्माण किया गया है।
मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान परिवार ने यह भी बताया था कि इसके निर्माण में हथौड़े का इस्तेमाल भी नहीं किया गया है। राजस्थान से ही आए पंडितों ने धार्मिक अनुष्ठान से प्राण-प्रतिष्ठा की थी।
मंदिर का निर्माण काफी साल पहले शुरू किया गया था, जो जनवरी 2019 में पूरा हुआ। एक बार पहले भी मंदिर का निर्माण किया गया, लेकिन वास्तुदोष की वजह से उस मंदिर को तोड़ दिया गया था। मंदिर निर्माण के दौरान कई बार कंगना गुपचुप तरीके से निरीक्षण भी करती रही। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान कंगना ने मीडिया से कहा था कि मंदिर का कोई मोल नहीं होता है, केवल आस्था का विषय है। बता दें कि मां अंबिका के भव्य मंदिर में मूर्ति के अलावा भव्य श्रृंगार भी किया गया है। मंदिर की सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम किए गए हैं। गांव के बीच स्थित इस मंदिर में किसी को भी प्रवेश की अनुमति है। पिता अमरदीप के अलावा दादा ब्रह्मदास भी प्राण प्रतिष्ठा में मौजूद थे, जो कुलदेवी की स्थापना के दौरान प्रसन्नचित मुद्रा में थे।