सोलन, 13 सितंबर : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) इस समय कम्युनिटी स्प्रेड की चपेट में आ चुका है। फ्रंटलाइन वॉरियर्स (Front line warriors) लंबी ड्यूटी से थक चुके हैं। बावजूद अपने दायित्व को बखूबी निभा रहे हैं। आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि जीवन को त्यागने वाले हिमाचल के पहले कोरोना योद्धा (Corona warrior) के लिए सरकार के पास 4 दिन बाद भी शौक के लिए दो शब्द भी नहीं है। शुरूआती चरण में वारियर्स को जमकर प्रोत्साहित करने की कोशिश हुई लेकिन अब जब असल जरूरत है तो सरकार सहित संस्थाए भी चुप बैठ गई है।
यह ठीक है कि मशहूर अभिनेत्री कंगना रनौत प्रदेश की बेटी है, जिसकी सुरक्षा के लिए हर हिमाचली एकमत है। मगर यह भी सवाल उठता है कि जहां भाजपा के अग्रणी संगठनों द्वारा कंगना रनौत (Kangna Ranaut) के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाए जा रहे हैं साथ ही ट्वीट भी किए जा रहे है, वही हिमाचल के पहले कोरोना वॉरियर (First Corona Warrior of Himachal) के लिए शोक तक नहीं व्यक्त किया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि फ्रंटलाइन वॉरियर्स सरकार के इस रवैया से क्यों चिंतित नहीं होंगे। हर फ्रंटलाइन वॉरियर इस बात को लेकर चिंता है कि अगर वह संक्रमित हुए तो क्या होगा, क्योंकि सरकार से कोई मदद मिलने की आशा नहीं नजर आती।
चंद रोज पहले दुनिया को अलविदा कहने वाले हिमाचल के पहले कोरोना योद्धा अशोक तनवर (Ashok Tanwar) को भुला दिया गया है। हालांंकि 11वीं गृहरक्षक वाहिनी शोक संलिप्त परिवार को हर इम्दाद देने की कोशिश में जुटी हुई है। लेकिन विडंबना देखिए, मुख्यमंत्री(Chief Minister) सहित किसी भी शीर्ष नेता यहां तक की विपक्षी राजनीतिक दल (Political Parties) ने भी शोक के दो शब्द नहीं कहे। हालांकि शिमला पुलिस (Shimla Police) ने शनिवार को अपने फेसबुक पेज (Facebook Page) पर गृहरक्षक अशोक तनवर को कोरोना योद्धा (Corona Warrior) करार देते हुए लिखा कि सेवा के दौरान संक्रमित होकर मृत्यु होने पर शिमला पुलिस भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करती है। इस समय विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। आर्थिक मदद तो दूर की बात, कम से कम परिवार को दिलासा देने के लिए शोक व्यक्त तो किया जा सकता था। हालांकि इस समय कोई ऐसा आंकड़ा सीधे तौर पर उपलब्ध नहीं है कि फ्रंट वॉरियर के तौर पर सेवाएं दे रहे कितने योद्धा प्रदेश में कोरोना की चपेट में हैं। आंकड़ा सैंकड़ों में लाजमी तौर पर हो सकता है।
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सवाल यह भी है कि क्या फ्रंट वॉरियर(Front Warriors) के तौर पर कार्य करने वाले योद्धाओं को कोई विशेष इम्दाद दी जा रही है या नहीं। अलबत्ता, इतना जरूर है कि गृहरक्षक (Home Guard) अशोक तनवर ही एक ऐसे पहले योद्धा हैं, जिन्हें अपना जीवन ही खोना पड़ा है। गौरतलब है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद ऐसे योद्धाओं के घर जाकर एक करोड़ रूपए की राशि दे रहे हैं, जिन्होंने संक्रमित होने की वजह से प्राण त्याग दिए। ये मामला सूबे के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. सैजल के गृह क्षेत्र का है।