नाहन (एमबीएम न्यूज) : अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले की आज रिवायत टूटी है। इसके मुताबिक
राज्यपाल के न पहुंचने से सीपीएस विनय कुमार व कंवर अजय बहादुर सिंह ने देवपालकियों को कंधा देकर विदायगी की रस्म अदा की
उदघाटन के बाद मुख्यमंत्री को रात्रि ठहराव भी श्री रेणुका जी में ही करना पडता है। साथ ही समापन पर राज्यपाल को भी पहुंचना होता है। ऐसी धारणा है कि जो मुख्यमंत्री यहां रात्रि ठहराव नहीं करता है वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनता। इसी तरह समापन पर ना पहुंचने वाले राज्यपाल भी एक साल के भीतर अपना पद खो देते है। आज राज्यपाल तबीयत खराब होने के कारण समापन पर नहीं पहुंच पाए लिहाजा रिवायत टूट गई है। सीपीएस विनय कुमार ने समापन की रिवायत को निभाया। इस रिवायत का ही डर रहता होगा तभी कोई भी मुख्यमंत्री उदघाटन से नहीं चूकना चाहता। 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग से विषेश अनुमति लेकर मेले का उदघाटन किया था।
यह भी मान्यता है कि इस रिवायत के टूटने पर कईयों ने अपने पद खोए है। इस कडी में सबसे पहले प्रथम लैफटीनेंट गर्वनर राजा बजरंग बहादुर थे। 2009 में तत्कालीन राज्यपाल प्रभाराव ने मेले का समापन नहीं किया था। इसके बाद कुछ महीनों में ही उनका स्थानान्तरण राजस्थान कर दिया गया था। यह धारणा मौजूदा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ भी जुडी हुई है। नवबंर 2007 में राज्य का मुख्यमंत्री होने के बावजूद वीरभद्र सिंह ने चुनाव आचार संहिता के कारण मेले का उदघाटन नहीं किया था इसके बाद राज्य में भाजपा की सरकार बन गई। यहीं धारणा एक बार भाजपा नेता शांता कुमार से भी जुडी बताई जाती है। यह भी बताते है कि एक मर्तबा शांता कुमार भी उदघाटन पर नहीं पहुंचे थे। इसके अगले साल ही शांता कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोडनी पडी थी।