शिमला, 04 सितंबर : क्या हिमाचल में जूनियर इंजीनियर (इलैक्ट्रिकल) के पदों पर बाहरी राज्यों के युवाओं ने कब्जा कर लिया है। यह सवाल इस कारण पैदा हुआ है, क्योंकि युवाओं के एक तबके ने इस बाबत मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। इसके मुताबिक 2018 में जूनियर इंजीनियर (Junior Engineer) के 222 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसका नतीजा 2 सितंबर को जारी हुआ है। युवाओं का कहना है कि सामान्य वर्ग (General Category) के 90 पद थे। इसमें 47 पदों पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व बिहार इत्यादि राज्यों के युवाओं का चयन किया गया है, जबकि अपने प्रदेश के युवाओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
युवाओं का कहना है कि ये पद “ग” वर्ग के तहत भरे जाने थे। इसमें केवल अपने राज्य के युवाओं का ही अधिकार होता है। यह अन्याय सामान्य वर्ग से ही है। युवाओं ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस मसले पर सहानुभूति पूर्वक (Sympathetically) विचार करें। कर्मचारी चयन आयोग (Staff Selection Commission) को स्थाई हिमाचलियों को ही इन पदों के तहत चयनित करने का निर्देश दें। मैरिट सूची (Merit list) दोबारा तैयार की जानी चाहिए।
अहम बात यह है कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखने से पहले युवाओं ने उन चयनित आवेदनकर्ताओं (Applicants) की सूची भी तैयार की है, जो बाहरी राज्यों से ताल्लुक रखते हैं। बता दें कि आयोग ने उच्च न्यायालय (High Court) के आदेश के तहत ही नतीजा जारी करने की बात प्रेस विज्ञप्ति में कही थी। इस मामले में एक संशय यह भी है कि आर एंड पी नियमों (R&P Rules) में विसंगति की वजह से तो कहीं ऐसा नहीं हुआ होगा।
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