नाहन, 30 अगस्त : हिमाचल में दंत चिकित्सा(Dental education in Himachal) के क्षेत्र से जुड़े लोग इस बात को बखूबी जानते हैं कि देवभूमि में दंत चिकित्सा की नीव किसने रखी।
सुंदरनगर में 1993 में डेंटल कॉलेज(Dental कॉलेज) को स्थापित करने वाले डॉक्टर वीके गुप्ता(83) रविवार को दुनिया से अलविदा हो गए हैं। अपने पीछे हंसमुख व मिलनसार(Cheerful and sociable) स्वभाव को भी छोड़ गए हैं। हालांकि पूँजी(Capital) के तौर पर वो हजारों डेंटल डॉक्टर(Bachelor of dental surgery) भी हैं, जिन्होंने उनके सानिध्य में बीडीएस(BDS) की डिग्री हासिल की।
बता दें कि नाहन(Nahan) में एक छोटी सी नौकरी करने वाले डॉक्टर वीके गुप्ता(Dr VK Gupta) ने 90 के दशक में डेंटल कॉलेज(Dental College) बनाने की सोची थी,उस समय शिमला में भी डेंटल कॉलेज नहीं था। 9 जून 1938 को जन्मे दिवंगत डॉ गुप्ता ने सुंदरनगर के बाद 2003 में पावंटा साहिब में दूसरे डेंटल कॉलेज(Dental college Paonta Sahib) की नींव(foundation) रखी। इसके बाद यमुनानगर(Yamuna Nagar) में भी दंत चिकित्सा के मकसद से डेंटल कॉलेज की स्थापना की। संभवत हिमाचल से डेंटल कौंसिल ऑफ इंडिया(Dental Council of India) के सदस्य(Member) बनने वाले वह पहले ही शख्स थे। इसके अलावा नर्सिंग व फार्मेसी कॉलेज(Nursing and Pharmacy) के चेयरमैन(Chairman) के पद पर भी अंतिम समय तक काफी सक्रिय रहे।
दिवंगत डॉ गुप्ता को करीब से जानने वालों का यह भी कहना है कि करीब 8 से 10 साल पहले सरकार उन्हें मेडिकल कॉलेज(Medical college) स्थापित करने के लिए भी प्रेरित कर रही थी, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि वह अपना फोकस(focus) केवल डेंटल चिकित्सा(Dental Education) के क्षेत्र में ही केंद्रित करना चाहते हैं। गरीबों की मदद(Needy People) के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले दिवंगत डॉ गुप्ता द्वारा एक ऐसी मुहिम भी शुरू की गई थी ,जिसमे गरीबों को मुफ्त दंत चिकित्सा(Free dental service) उपलब्ध करवाई जाती थी। यही नहीं 100 बिस्तरों वाले अस्पताल में भी चैरिटी की गतिविधियों को चलाते थे।
वर्ष 2003 में डॉ पूरन चंद मेडिकल चैरिटेबल ट्रस्ट शुरू(Dr Puran Chand Medical Charitable trust) किया था। हिमाचल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंसेस(Himachal institute of dental Sciences) के चेयरमैन(Chairman) के पद पर सक्रिय रहे। कुछ सालों से अस्वस्थ जरूर थे, लेकिन भलाई(social service) के कार्यों में कतई भी पीछे नहीं रहते थे। उल्लेखनीय है कि हिमाचल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंसेस हिमाचल में एकमात्र ऐसा संस्थान(Only institute) है ,जिसमें बीडीएस(BDS) कोर्स की 100 सीटें हैं। इसके अलावा एमडीएस(MDS) कोर्स की 29 सीटें उपलब्ध है। यह इस कारण संभव हो पाया कि क्योंकि लंबे तजुर्बे (Long experience) में दिवंगत डॉ गुप्ता ने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर(Modern infrastructure) को तैयार करने में सफलता अर्जित कर ली थी।
देश के प्रतिष्ठित इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट(Indian Institute of Management Sirmour) को जब सिरमौर में कक्षाएं शुरू करनी थी,तो उस समय भवन(Building) उपलब्ध नहीं हो रहा था। तुरंत ही दिवंगत डॉ गुप्ता ने बेहद ही रियायती दरों(Economical) पर अपने परिसर(Campus) के ही एक इससे को उपलब्ध करवा दिया था। उधर दिवंगत डॉ वीके गुप्ता के बेटे डॉ गौरव गुप्ता(Dr Gaurav Gupta) ने बताया कि चंडीगढ़(Chandigarh) में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उनका कहना था कि पिता जी के दिखाए मार्ग पर वह हमेशा ही आगे चलते रहेंगे।