सुंदरनगर, 25 अगस्त : आपने सौतेली मां के किस्से अक्सर कहानियों में सुने व फिल्मों में देखे होंगे। प्रदेश के सरकाघाट में ऐसी ही एक घटना सामने आई है। यहां एक मां ने सौतेले बेटे को परिवार सहित घर से बाहर निकाल दिया है। जिसके बाद बेटा अपनी 2 वर्षीय बच्ची सहित जंगल में झोपंडी में रहने को मजबूर है।
जानकारी अनुसार सरकाघाट उपमंडल की पिंगला पंचायत में यह घटना सामने आई है। सुरेंद्र कुमार अपनी 2 वर्षीय बेटी और पत्नी के साथ वर्तमान में रिस्सा पंचायत के गांव छिंबा बल्ह में धरयाला नामक स्थान पर निवास कर रहा है। इस परिवार की विडंबना यह है कि सुरेंद्र कुमार के पिता ने 2 शादियां की हैं और सुरेंद्र कुमार उसकी पहली पत्नी की संतान है। पिता की भी मृत्यु हो गई है और सौतेली मां ने उसे घर से निकाल दिया है, जिसके चलते वह अपनी 2 वर्ष की बेटी और पत्नी रीना देवी के साथ जंगल में झोंपड़ी बनाकर रहने को मजबूर हो गया है।
पिंगला पंचायत की प्रधान अनीता शर्मा ने बताया कि सुरेंद्र कुमार अपनी नशे की आदतों के कारण कभी-कभी घर भी नहीं आता है और उसकी पत्नी को अकेले ही अपनी 2 वर्षीय बेटी को लेकर जंगल में रात गुजारनी पड़ती है।
पंचायत प्रधान ने बताया कि सुरेंद्र कुमार ने अपना आधार कार्ड बनाया है और न ही उसका कोई बैंक अकाऊंट है। झोंपड़ी में न तो बिजली है और न ही पानी है। इस परिवार को वर्ष 2019 के नवम्बर महीने में बीपीएल परिवारों की सूची में शामिल किया गया है और उसके घर के लिए भी पंचायत द्वारा राजीव गांधी आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए अनुशंसा कर दी गई है। इस परिवार के सदस्यों के आधार कार्ड और बैंक खाते खुलवाने का बीड़ा समाजसेवी सुनील कुमार शर्मा ने उठाया है और उसने क्षेत्र के लोगों से परिवार की आर्थिक सहायता करने का भी अनुरोध किया है।
खंड विकास अधिकारी गोपालपुर त्रिवेंद्र चनौरिया ने बताया कि सुरेंद्र कुमार को घर बनाने के लिए सरकार से राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। जैसे ही राशि उपलब्ध होगी सुरेंद्र कुमार को दे दी जाएगी।
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