नाहन, 17 अगस्त: चंद रोज पहले (12 अगस्त) को हिमाचल उच्च न्यायालय (High court) ने एक आदेश पारित करते हुए यह निर्देश जारी किए थे कि सोलन और सिरमौर के कोरोना पीड़ित मरीज़ों को तब तक शिमला न लाया जाए जब तक अपने हॉस्पिटल में बैड की कमी न हो या फिर रोगी की हालत नाज़ुक न हो।
हैरानी की बात है कि अब तक सरकार व स्वास्थ्य विभाग कोविड केयर सेंटर और कोविड हॉस्पिटल (Covid Hospital) का फर्क ही नहीं समझ पा रहा है। डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल(Dedicated Covid Hospital) की इस समय गंभीर आवश्यकता है, जहां कॉविड केयर सेंटर में अगर किसी मरीज की हालत बिगड़ जाती है तो उसको वहां पर शिफ्ट किया जा सके। हालांकि सराहां को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर अधिसूचित किया गया था, लेकिन वहां सामान्य मरीजों की ही भीड़ लगा दी गई। अहम बात ये भी है कि इस सेंटर में कोई सुविधा नहीं जुटाई गई। इसकी वर्किंग मात्र केयर सेंटर की तरह ही है। दीगर है कि केयर सेंटर में केवल सामान्य मरीजों को ही रखा जाता है।
5 महीने बीत जाने के बाद भी सिरमौर के डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज(Dr. Y.S. Parmar madical college) में एक भी बैड को क्रिटिकल हालत के लिए नहीं बदला गया है। डॉ वाई एस परमार मेडिकल कॉलेज में सभी जरूरी उपकरण तथा स्पेशलिस्ट डॉक्टर उपलब्ध हैं। यहां पर केवल मात्र ऑपरेशन थिएटर असिसटेंट (OTA) की नियुक्ति होनी है, मेडिकल कॉलेज के एक भाग में 10 बिस्तर की क्षमता वाला आइसोलेटेड डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल में बदला जाना चाहिए था। हैरानी की बात है कि 15 अगस्त को जिला स्तरीय स्वतंत्रता समारोह(Independence Day) में स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल( Dr Rajiv Saizal) ने भी इस दिशा में कदम उठाने के निर्देश नहीं किए। बता दें कि शहर की दो महिलाओ ने दम तोड़ दिया था। चंद रोज पहले क्रिटिकल हालत में शिमला रैफर किया जा रहा था। परिजनों का आरोप है कि आइसोलेशन वार्ड में ऑक्सीजन तक उपलब्ध नहीं थी। इस कारण मौत हो गई।
उधर सीएम जयराम ठाकुर को भेजी मेल में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अनेंदर सिंह नॉटी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में जल्दी से जल्दी इस व्यवस्था की अधिसूचना जारी की जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि संक्रमितों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए एक या 2 दिन में ही यह जरूरी कदम उठाए जाए, ताकि कोई भी बहुमूल्य जान व्यवस्था की कमी के कारण न गंवानी पड़े। इसी बीच सीएमओ डॉ के के पराशर ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश केवल डीडीयू शिमला(DDU Shimla) को लेकर है ,मरीजों को आइजीएमसी रैफर किया जा सकता है। बता दे कि सिरमौर में कोरोना को लेकर एक महिला की मौत हुई है जबकि एक की स्क्रीनिंग पॉजिटिव आई थी मगर अंतिम रिपोर्ट में महिला नेगेटिव पाई गई थी।