कुल्लू (एमबीएम न्यूज़): देवसदन में हिमाचल संस्कृत आकदमी एवं आॅथर्ज गिल्ड के संयुक्त तत्वावधान में बहुभाषी कवि-सम्मेलन एवं शोध-पत्र वाचन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों के विद्वानों ने भाग लिया। सम्मेलन के मुख्यातिथि संस्कृत आकदमी के सचिव मस्तराम शर्मा थे जबकि पूर्व सचिव हरिदत्त शर्मा, गिल्ड के संस्थापक एवं अध्यक्ष जयदेव विद्रोही, संस्कृत महाविद्यालय कुल्लू के प्राचार्य राघवन शर्मा, डीएलओ प्रोमिला गुलेरिया विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस दौरान अकादमी के सचिव मस्तराम शर्मा ने कहा कि हिमाचल सरकार संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए कृत्तसंकल्प है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने छठी से दसवीं तक की कक्षाओं में संस्कृत भाषा को अनिवार्य रूप में पढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि जिला शिमला के तुंगेश में संस्कृत विद्यालय को राजकीय संस्कृत महाविद्यालय के रूप में अधिग्रहण करने के सरकार द्वारा आदेश जारी कर दिये गए हैं। कहा कि राष्टÑपति पुरस्कार से अलंकृत स्वर्गीय आचार्य दिवाकरदत्त द्वारा संचालित मासिक पत्रिका दिव्य-ज्योति संस्कृत अकादमी द्वारा पुन: प्रकाशित करने के आदेश जारी कर दिये गए हैं।
मस्तराम ने कहा कि देवसदन के समीप संस्कृत पुस्तकालय स्थापित हों, इसके लिए सरकार से अनुग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा भारती की आत्मा है, इसलिए इसके संरक्षण के लिए अकादमी द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। आॅथर्ज गिल्ड के अध्यक्ष जयदेव विद्रोही ने प्रदेश भर से आए विद्वानों का अभिवन्दन किया।
कार्यक्रम में उपस्थित कवि-लेखकों में डॉ. हरिदत्त शर्मा, वासुदेव शर्मा, डॉ. शंकर वशिष्ठ, मदन हिमाचली, पदम देव, जयदेव विद्रोही, डॉ. ओम कुमार, राम लाल शर्मा, कपिल शर्मा, सुरेश कुमार, दीपिका, राघवन शर्मा, सरला चम्बयाल, डॉ. सूरत ठाकुर, दुर्गा प्रसाद, रमेश मस्ताना, प्रभात शर्मा, इंदु भारद्वाज, कुमुद शर्मा, गणेश गनी, पुनीत पटियाल, जगत राम शर्मा, दीपक शर्मा, शिव सिंह पाल, सुनील शास्त्री, सतीश चंद्र कौड़ा, सत्यपाल भटनागर सहित 35 कवियों ने कविताएं पढ़ी जबकि डा. वासुदेव शर्मा, डा. ओम कुमार, प्रभात शर्मा, डॉ. सत्यपाल शर्मा ने शोध-पत्र प्रस्तुत किये, जिस पर उपस्थित विद्वानों ने चर्चा भी की।