नाहन, 15 अगस्त : डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज के कथित कारनामे पर लीपापोती की आशंका जाहिर की जा रही है। इसी बीच एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा है कि मामला उनके संज्ञान में आया है। फिलहाल तथ्य सामने नहीं हैं, इस बाबत उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने फोन पर हुई बातचीत में कहा कि वो जल्द ही इस बात का फैसला लेंगे कि किस स्तर के अधिकारी से जांच करवाई जानी है। मंत्री ने माना कि पार्टी के ही एक पदाधिकारी देवेंद्र अग्रवाल ने भी उनसे इस मामले में उनसे आज नाहन में ही चर्चा की थी। बताया यह भी जा रहा है कि संयोग से ही नाहन में ही मौजूद स्वास्थ्य मंत्री को कॉलेज प्रशासन द्वारा यह कहा गया कि परिवार ने ही शव को पीपीई किट में रखने को कहा था। साथ ही परिवार को ही गलत ठहराया था।
सवाल इस बात पर उठता है कि जब निष्पक्ष तरीके से जांच ही नहीं हुई तो विभाग कैसे संतुष्ट हो सकता है। 15 अगस्त को चौगान मैदान में स्वतंत्रता दिवस का जश्र मनाया जा रहा था, वहीं वार्ड नंबर-5 के शिवपुरी रोड पर एक परिवार की आंखें नम थी। पीड़ा इस कारण अधिक थी, क्योंकि मां की अर्थी को कंधा तक नहीं दे सके। यह भी खुलासा हुआ है कि मृतक महिला की स्क्रीनिंग रिपोर्ट पॉजिटिव थी, मगर कुछ घंटों में ही ये नेगेटिव हो गई। प्रश्र इस बात पर भी पैदा होता है कि स्क्रीनिंग के आधार पर परिवार को यह क्यों बता दिया गया कि रिपोर्ट पॉजिटिव है।
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बता दें कि परिवार के चंद सदस्यों को उस समय रिपोर्ट के नेगेटिव होने की जानकारी दी गई, जब दाह संस्कार शुरू हो चुका था। परिवार के सदस्य रजत ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि डॉक्टरों द्वारा स्वास्थ्य मंत्री को यह बताया गया है कि हमने ही पीपीई किट की मांग की थी, जबकि ये गलत है। सदमे में भाई ने शव की सुपुर्दगी लेने को लेकर हस्ताक्षर किए थे। उनका कहना था कि आज उन्होंने लिखित तौर पर रिपोर्ट के नेगेटिव होने की जानकारी देने को कहा है, लेकिन मेडिकल कॉलेज इसके लिए भी देरी कर रहा है।