शिमला, 12 अगस्त : राजधानी में येलो लाइन पार्किंग को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। प्रदेश पर्यटन विकास निगम के पूर्व वाइस चेयरमेैन व पूर्व डिप्टी मेयर हरीश जनारथा ने येलो लाइन पार्किंग शुरू करने के शिमला नगर निगम के फैसले की आलोचना करते हुए कोर्ट का दरबाजा खटखटाने की बात कही है। शिमला में आज प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हरीश जनार्था ने कहा कि नगर निगम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए इस फैसले को तुरंत वापिस ले तथा अगर यह निर्णय वापिस नहीं लिया गया, तो इस पर कोर्ट में जाएंगे।
उन्होंने यलो लाइन पार्किंग को ठेके पर देने पर भी सवाल खड़े किए। जनारथा ने आगे कहा कि शिमला में सभी सड़कें नगर निगम के दायरे में नहीं है। निगम के अधीन ज्यादातर एंबुलेंस सड़कें हैं। कुछ सड़के नेशनल हाइवे अथॉर्टी की है, कुछ केंद्रीय लोक निर्माण विभाग और कुछ राज्य लोक निर्माण विभाग की है। नियमों के तहत एनएच व पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर येलो लाइन लगाकर टैक्स वसूला नहीं जा सकता है। ऐेसे में नगर निगम इस पर स्पष्टीकरण दे।
जनारथा ने कहा कि निगम के पार्षद भी येलो लाइन पार्किंग की व्यवस्था से परेशान है। वार्ड में यलो लाइन में यदि 30 लोगों की गाड़ियां लगती है तो 50 लोग इससे वंचित रह जाएंगे। कई पहुंच वाले लोगों को 3 से 4 गाड़ियां पार्क करने की अनुमति दी जा रही है, जबकि कइयों की एक गाड़ी भी नहीं लगाई जा रही है।
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