नाहन, 5 अगस्त : सर, आप दुआ करो कि एक सप्ताह से अचेत भाई को होश आ जाए। जैसे- तैसे रोजाना हम दवाओं के लिए 4 से 5 हजार का इंतजाम बमुश्किल कर रहे हैं। फोन पर बिलखते हुए 22 साल की कशिश चौहान ने यह बात एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कही।
32 सेक्टर चंडीगढ़ (32 sector Chandigarh) में तीन भाइयों का इकलौता 18 वर्षीय भाई जुनैद (सोनू ) जीवन व मौत के बीच संघर्ष कर रहा है, बहन के मुताबिक उसे परिवार के एक सदस्य ने अपनी पोस्ट सोशल मीडिया (social media) में करने को कहा था, इसके बाद उसे कुछ इमदाद मिलनी शुरू हुई है। पावंटा साहिब (Paonta Sahib) के परिवार की विडंबना देखिए, 18 साल के युवक का पिता पहले से ही 12 साल से बैड पर हैं, जो अधरंग की बीमारी से पीड़ित हैं। बहन कशिश ने कहा कि कुछ समय पहले भाई को 104 से 105 बुखार हुआ था, वह सामान्य जीवन जी रहा था। हालांकि डॉक्टर उसके जीवन के संघर्ष में कोई उम्मीद जाहिर नहीं कर रहे हैं, लेकिन तीनों बहनों ने उम्मीद नहीं छोड़ी है, क्योंकि अब आर्थिक मदद के साथ-साथ सलामती की दुआ भी मांगी जा रही है।
बहन ने बताया कि इकलौता भाई परिवार के लिए उम्मीद की किरण है, जिसने 18 साल की उम्र पूरी होने के बाद कुछ समय पहले ही कार्य करना शुरू किया था, जिसका सपना एक कंस्ट्रक्शन कंपनी (Construction Company) बनाने का है। कशिश ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा खर्चे को लेकर कोई बोझ नहीं डाला गया है, लेकिन रोजाना हजारों रुपए की दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं। रिश्तेदारों ने भी काफी मदद की है,मगर वह भी एक सीमा तक की मदद कर पाएंगे।
कुल मिलाकर गुरबत का दंश झेल रहे परिवार को आर्थिक मदद के साथ-साथ सलामती की दुआओं की दरकार है। एक मसीहा मिल जाए, साथ ही खुदा कोई चमत्कार कर दे ताकि परिवार का सहारा न टूटे।
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