सोलन (एमबीएम न्यूज) : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड परवाणू ने सोलन के चेवा में संचालित एक दवा निर्माता उद्योग के खिलाफ आखिर कानूनी शिकंजा कस ही दिया है। उद्योग के गंदे पानी से चेवा व खील-चाश्नी गांव के कई प्राकृतिक पेयजल स्रोत प्रदूषित हो चुके हैं। प्रदूषण बोर्ड की टीम ने गुरूवार को दवा निर्माता उद्योग में दबिश देकर उद्योग के आरओ प्लांट से खुले में फैंके जा रहे पानी के सैंपल उठाए हैं तथा वस्तुस्थिति का जायजा लिया। उधर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दवा उद्योग का बिजली कनेक्शन काटने के आदेश जारी कर दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत चेवा में सोलन के एक नामी उद्योगपति की दवा बनाने वाली फैक्टरी है। इस उद्योग के आरओ प्लांट से निकल रहा गंदा पानी पंचायत के कई पेयजल स्रोतों को प्रदूषित कर चुका है,इसके चलते लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इस बात को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में उद्योग प्रबंधकों के खिलाफ रोष व्याप्त है। ऐसा कई बार हो चुका है जब इस उद्योग से निकले कैमिकल युक्त गंदे पानी को उद्योग प्रबंधन द्वारा गुपचुप तरीके से निकटवर्ती नालों व जंगलों में खुले में फैंका गया हो।
कुछ माह पूर्व बड़ोग व नगाली के जंगल में उद्योग से निकले जहरीले कैमिकल को खुले में फैंका गया था तथा इसकी पुष्टि विभागीय जांच में हो चुकी है। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड परवाणू ने करीब एक सप्ताह पूर्व उक्त उद्योग का बिजली कनेक्शन काटने के आदेश विद्युत विभाग सोलन को जारी किए हैं,लेकिन आदेशों की यह फाईल बिजली विभाग के दफ्तर में न जाने कहां गुम होकर रह गई है। ग्राम पंचायत चेवा के निवासी मनोज कुमार,बीडीसी सदस्य सुरेंद्र स्याल, विरेंद्र शर्मा आदि दर्जनों ग्रामीणों का कहना है कि यह दवा उद्योग नियमों के विपरीत कार्य कर रहा है।
मनोज कुमार ने बताया कि उद्योग ने आरओ प्लांट उनकी जमींन पर बनाया हुआ है,जबकि इस प्लांट को निर्मित करने के लिए उन्होंने किसी तरह की एनओसी नहीं दी हुई है। ऐसे में दवा उद्योग के आरओ प्लांट को विद्युत विभाग ने किसी आधार पर बिजली कनेक्शन दिया है इसकी जांच होनी चाहिए। ग्रामीणों ने संदेह व्यक्त किया है कि उद्योग के आरओ प्लांट को चलाने के लिए बिजली की चोरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि आरओ प्लांट में किसी तरह का विद्युत मीटर नहीं लगा है। हालांकि विभाग की इस कार्रवाही से उद्योग के प्रबंधन वर्ग में हडक़ंप मचा हुआ है। उधर विद्युत विभाग सोलन के एसडीओ दर्शन सिंह ठाकुर ने संपर्क करने पर बताया कि उन्हें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से टीएनटी हैल्थ केयर उद्योग का बिजली कनेक्शन काटने का कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ हैं।
एन्वायरमेंट इंजीनियर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड परवाणू बृज भूषण ने बताया कि चेवा में संचालित टीएनटी हैल्थ केयर कंपनी से पानी के सैंपल उठाए गए हैं,जिन्हें जांच के लिए परवाणू स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया है। यदि जांच में सैंपल फेल पाए जाते हैं तो विभाग उद्योग प्रबंधन के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाही अमल में लाएगा। बोर्ड ने विद्युत विभाग को उद्योग का बिजली कनेक्शन काटने का आदेश जारी कर दिया है।