नाहन, 01 अगस्त : चूना मंडी सतौन के समीप कच्ची ढांग (Kacchi Dhang) में एक बार फिर हजारों टन मलबे ने पांवटा साहिब-शिलाई मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है। एक बार फिर हाईवे हजारों टन मलबे की चपेट में आ गया है। गत वर्ष भी हाईवे का एक बड़ा हिस्सा धंस गया था। इसके बाद बड़े स्तर पर हल्ला मचा। जुगाड़ तकनीक से हाईवे को बहाल तो कर दिया गया, लेकिन स्थाई समाधान नहीं तलाशा गया।
बता दें कि गत वर्ष हाईवे (Highway) का एक हिस्सा धंस जाने के कारण करीब 2 से 3 सप्ताह तक वाहनों की आवाजाही ठप रही थी। आपातकालीन स्थिति में लोगों को गिरी नदी को पैदल ही पार करना पड़ रहा था। ग्रामीणों को कहना है कि करीब एक सप्ताह से लगातार पहाड़ी के तरफ से मलबा गिर रहा था, लेकिन इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि हाईवे अवरुद्ध हो गया है। अब लॉकडाउन हटने के बाद धीरे-धीरे लोग पांवटा साहिब के अलावा पड़ोसी राज्य में रोजगार के सिलसिले में जाना शुरू कर चुके थे।
सवाल इस बात का उठ रहा है कि गिरी नदी पर वैकल्पिक पुल की व्यवस्था को लेकर ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए। उधर शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि वह इस बात को लेकर बेहद हैरान हैं कि अब तक विभाग इस मामले को गंभीरता से क्यों नहीं नहीं ले रहा। उनका कहना था कि लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ से व्यक्तिगत बात कर भी इस मामले को उठाया था। विधायक का कहना है कि इस मामले को विधानसभा में भी कई बार उठाया गया, लेकिन सरकार खामोश बनी हुई है।
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बहरहाल उन्होंने तुरंत ही हाईवे को बहाल करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि युद्धस्तर पर कार्य किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि अपर शिमला में इन दिनों सेब सीजन भी शुरू हो चुका है, लिहाजा सेब से लदे ट्रक भी अक्सर ही इस हाईवे का इस्तेमाल करते हैं। चौपाल उपमंडल का बड़ा हिस्सा इसी हाईवे से भी जुड़ा हुआ है।
उधर पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर का कहना है कि एनएच-707 पर कच्ची ढांग में हुए भूस्खलन को लेकर उच्च अधिकारियों से बात हो चुकी है। जल्द ही युद्ध स्तर पर मलबे को हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।