शिमला / नाहन, 28 जुलाई : जुलाई के महीने में सिरमौर(Sirmour) पर कोरोना का कहर बरपा है, जिस क्षेत्र में कोरोना संक्रमित पाया जाता है, उस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित करने की अधिसूचना जारी कर दी जाती है। अब तक कंटेनमेंट जोन को लेकर जबरदस्त असमंजस की स्थिति चल रही है, इसकी वजह ये है कि कंटेनमेंट जोन घोषित करने को लेकर अलग-अलग मापदंड अपनाए जा रहे हैं। इसी के चलते स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों से इस बाबत गाइडलाइन की जानकारी लेने का प्रयास किया गया।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के विशेष सचिव निपुण जिंदल ने कहा कि किसी क्षेत्र में पांच मामले पॉजिटिव पाए जाने की स्थिति में ही कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है। उनका कहना था कि जिला स्तर पर किस तरीके को अपनाया जा रहा है, इस बारे तो वह कुछ कह नहीं सकते, लेकिन प्रयास जारी है कि कंटेनमेंट जोन (Containment zone) को लेकर प्रदेश से फीडबैक लिया जाए।
उल्लेखनीय है कि डॉ यशवंत विहार कॉलोनी (Dr YS Parmar Medical college) में भी एक बिल्डिंग को सील किया गया था। इसके अलावा वार्ड नंबर 7 में एक ही बिल्डिंग को सील किया गया है, जबकि नाहन के वार्ड नंबर 8 में बड़े क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाकर तकरीबन 15 सौ की आबादी घरों में कैद कर दी गई है। सवाल ये भी उठता है कि ग्राउंड लेवल पर कन्टेनमेंट जोन बनाने से पहले तैनात कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी या नहीं, जिनके अनुमदोन पर कन्टेनमेंट जोन बनता है। बता दे कि वार्ड नंबर आठ में 9 स्थानों पर सीलबंदी की गई है, यानि 24 घंटे में 27 पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगती है। हैरान करने वाली बात ये भी है कि जन प्रतिनिधि भी चुप्पी साधे रहते है।