हमीरपुर: कोरोना लक्षण के बावजूद राजनीतिक कार्यक्रम करने के लिए नादौन के पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री (Vijay Agnihotri) पर तुरंत एफ़आईआर (F.I.R) दर्ज की जाए। यह मांग शिवसेना (Shiv Sena) की राज्य इकाई के युवा संगठक रणजीत कुमार ने की है। उन्होंने कहा कि अग्निहोत्री ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी खतरे में डाली है। राजनीति चमकाने के लिए पूर्व विधायक (MLA) ने लोगों की जान की भी परवाह नहीं की। कोरोना लक्षण के चलते ही उन्होंने अपना टेस्ट करवाया था। राजनीतिक अभिलाषा को लोगों की जिंदगी से बड़ा मानते हुए उन्होंने टेस्ट रिपोर्ट आने का भी इंतजार नहीं किया और लगातार राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे।
रणजीत कुमार ने कहा कि आम आदमी के लिए जो कानून है, वह नेताओं पर भी लागू होता है। इसलिए प्रशासन आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत अग्निहोत्री पर तुरंत एफआईआर दर्ज करवाए। कोरोना के लक्षणों के बाद भी उन्होंने लगातार शिमला सचिवालय का दौरा किया व कर्मचारियों के तबादले कराने में मशगूल रहे। कोरोना से पीड़ित भाजपा प्रवक्ता के साथ शिमला में घूमते रहे और वह जनता के प्रति अपना दायित्व भूल गए। नादौन उपमंडल में कोरोना फैलाने में अग्निहोत्री का बड़ा हाथ है, क्योंकि पहले तो उन्होंने बाहर से आने पर अपने चहेतों को होम क्वारंटाइन कराया, जबकि संस्थागत क्वारंटाइन होने चाहिए थे। एसडीएम ने आपत्ति जताई तो उनका तबादला करा दिया। कोरोना लक्षण होने पर अग्निहोत्री ने खुद कांगू के वन विश्राम गृह में एक बैठक की और राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल हुए व कई प्रतिनिधिमंडलों से भी मिले।
रणजीत कुमार ने कहा कि अगर किसी के साथ कोई अप्रिय घटना होती है क्या अग्निहोत्री उसकी ज़िम्मेदारी लेंगे। उन्होंने पूछा है कि जब नेताओं के राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक है तो अग्निहोत्री कैसे बैठकें व जनसभा करते रहे। क्या वह सरकार से ऊपर हैं। उन कोई नियम कानून लागू नहीं होता, क्या कानून सिर्फ आम आदमी के लिए ही है।