मंडी 23 जुलाई: क्षेत्र विशेष की जनता को खुश करने के लिए सरकारें वहां के संस्थानों को कागजी तौर पर अपग्रेड तो कर देती हैं लेकिन वहां सुविधाएं देना भूल जाती हैं। ऐसी ही कहानी सिविल हॉस्पिटल कोटली की भी है। पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस अस्पताल को अपग्रेड करके इसे सिविल हॉस्पिटल तो बना दिया गया लेकिन यहां सुविधाएं पीएचसी स्तर की भी नहीं मिल रही हैं। यानी कहा जा सकता है कि यह अस्पताल सिर्फ कागजों में ही अपग्रेड हुआ है। यहां न तो विशेषज्ञ डॉक्टर हैं और न ही स्टाफ नर्स और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ। कोरोना काल के इस दौर में यह अस्पताल क्षेत्र के लोगों के लिए मददगार साबित होना था लेकिन लोगों को आज भी छोटी-छोटी बीमारियों के उपचार के लिए 25 किमी दूर मंडी जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ रहा है।
जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष दीपक शर्मा ने इसके लिए सरकार को जिम्मेवार ठहराया है। दीपक शर्मा का कहना है कि यहां के स्टाफ को किसी दूसरी जगह डेपुटेशन पर भेजा जा रहा है और यह सब एक साजिश के तहत किया जा रहा है। दीपक शर्मा ने कहा कि कोटली क्षेत्र की जनता के साथ सरकार जो सौतेला व्यवहार कर रही है उसे किसी भी सूरत में बर्दाशत नहीं किया जाएगा और जनता विरोध करने से गुरेज नहीं करेगी।
दीपक शर्मा ने कहा की सरकार को कोटली अस्पताल को हर सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास करना चाहिए और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना प्रदेश सरकार का प्राथमिक कर्तव्य है। दीपक शर्मा ने कहा कि कोटली अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए यहां विशेषज्ञ डाक्टर नियुक्त करने चाहिए क्योंकि इस पर अस्पताल पर हजारों लोग आश्रित हैं और विशेषज्ञ नियुक्त होने से तुंगल क्षेत्र के हजारों लोग लाभान्वित होंगे।
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