नाहन : हालांकि हिमाचल के पशुपालन विभाग(Veterinary of Department Himachal) में एक महिला निदेशक के पद तक पहुंच चुकी है, लेकिन स्वतंत्र तौर पर फील्ड में पहली बार विभाग की महिला उपनिदेशक (Deputy Director) बनने का गौरव डॉ. नीरू शबनम(Dr. Neeru Shabnam) ने हासिल किया है। 1992 में पशु चिकित्सा अधिकारी के तौर पर कैरियर शुरू करने वाली डॉ. नीरू आज इस मुकाम पर पहुंची है।
आप भी यह बात स्वीकार करेंगे कि 80 व 90 के दशक में कोई भी परिवार अपनी बेटी को पशुपालन से जुड़े प्रोफेशन(Profession) में भेजने के लिए राजी नहीं होता था। लेकिन उस वक्त भी डॉ. नीरू ने अपनी सोच से परिवार को सहमत करवाया। बता दें कि डॉ. नीरू शबनम हिमाचल की दूसरी महिला हैं, जिन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारी के तौर पर अपना कैरियर शुरू किया। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय(Agricultural University Punjab) से वैटर्नरी (Veterinary) की पढ़ाई करने वाली डॉ. नीरू इससे पहले सिरमौर में ही सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत रही हैं। प्रमोशन के बाद बतौर उपनिदेशक आज अपना कार्यभार संभाल लिया।
उल्लेखनीय है कि डॉ. नीरू के पति डॉ. प्रदीप शबनम भी पशुपालन विभाग से ही सेवानिवृत हुए थे। पिछले 10 से 15 साल से सिरमौर में महिलाएं पशु पालन विभाग में फार्मासिस्ट पद को भी चुन रही हैं। इसकी वजह भी महिला के तौर पर डॉ. नीरू शबनम हैं। गौरतलब है कि महिलाओं को इस प्रोफैशन में इस कारण भी नहीं भेजा जाता था, क्योंकि इसमें सीधे पशुओं व जानवरों को ट्रीट करना होता है। यह भी दीगर है कि इस समय प्रदेश में युवा पशु चिकित्सा अधिकारी (Veterinary officer) बेहतरीन कार्य कर रहे हैं।
उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क (MBM News Network) से बातचीत में उप निदेशक डॉ. नीरू शबनम ने कहा कि उनकी अधिकतर सेवाएं सिरमौर में रही हैं, लिहाजा वो हर बात से बखूबी वाकिफ हैं। उनका कहना था कि सिरमौर (Sirmour) को आवारा पशुओं से मुक्त करना पहला लक्ष्य है। इसके अलावा नाहन को आवारा कुत्तों से भी निजात दिलवाना सर्वोच्च प्राथमिकता में है। उपनिदेशक ने कहा कि पालतू पशुओं की टैगिंग को भी प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि आने वाले वक्त में इसी के आधार पर पशुपालकों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलना है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की पहली काउ सेंचुरी (Cow Sanctuary) को पच्छाद के कोटला बड़ोग में स्थापित करवाने में डॉ. नीरू शबनम की ही अहम भूमिका है।
उन्होंने माना कि हिमाचल में दूसरी महिला के तौर पर पशु चिकित्सा अधिकारी सेवाएं शुरू की थी। इससे पहले प्रदेश में अब तक किसी भी महिला ने स्वतंत्र तौर पर किसी भी महिला ने उपनिदेशक की जिम्मेदारी नहीं संभाली है।
Latest
- कंपनी के कर्मचारी पर करीब डेढ़ लाख की किस्त गबन करने का आरोप
- करसोग में भाजपा को बड़ा झटका, पूर्व IPS जगत राम सहित दर्जनों समर्थकों ने छोड़ी पार्टी
- सिरमौर में पनप रहे ड्रग व माइनिंग माफिया, कांग्रेस नेता दे रहे संरक्षण
- मंडी : कंगना एक अच्छी अभिनेत्री लेकिन जयराम ठाकुर एक फ्लॉप डायरेक्टर
- ऊना : जनसभा में विधायक संजय रतन के बिगड़े बोल, माता चिंतपूर्णी की कसम देकर मांगे वोट