राजगढ़ : सिविल अस्पताल में पिछले करीब 20 वर्षों से अल्ट्रा साउंड मशीन धूल फांक रही है। न ही इसकी मरम्मत करवाई गई और न ही रेडियोलॉजिस्ट का पद भरा गया है, जिस कारण विशेषकर गरीब लोगों को प्राइवेट केंद्रों पर अल्ट्रा साउंड करवाने के लिए मोटी रकम अदा करनी पड़ रही है। जिला कांग्रेस महासचिव राजेन्द्र ठाकुर ने सरकार पर आरोप लगाया है कि स्थानीय स्तर पर एक प्राइवेट अल्ट्रा साउंड केंद्र को लाभ देने के लिए अस्पताल में अल्ट्रा साउंड जानबूझ कर बंद रखा गया है।
प्राइवेट अल्ट्रा साउंड केंद्र सप्ताह में केवल एक दिन खुलता है, जिसके लिए डॉक्टर स्पेशल सोलन से आते है। इस दिन अल्ट्रा साउंड करवाने के लिए रोगियों की भीड़ लगी होती है। राजेन्द्र ठाकुर का कहना है कि 20 वर्षों के अंतराल में यदि अस्पताल के किसी तकनीकी कर्मचारी को प्रशिक्षण दिया जाता तो लोगों को अल्ट्रा साउंड करवाने के लिए मोटी रकम अदा न करनी पड़ती।
अस्पताल में स्वीकृत 20 चिाकित्सकों के पदों में से केवल चार पद डॉक्टर के भरे गए है। हालांकि कुछ महीने पहले सरकार ने इस अस्पताल के लिए छः डॉक्टर के आदेश दिए गए थे, जिसमें से केवल एक डॉक्टर ने ज्वाइन किया है। इसी प्रकार गत वर्ष सरकार द्वारा राजगढ़ में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर का कार्यालय भी स्वीकृत किया गया परंतु आज तक नहीं खुल पाया है। फील्ड के सभी बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता वर्षों से बैठक व अन्य कार्य के लिए सराहां जाना पड़ता है।
सिविल अस्पताल के प्रभारी डॉ. हितेन्द्र ने बताया कि रेडियोग्राफर का पद रिक्त होने के कारण यहां पर अल्ट्रा साउंड नहीं हो पा रहे हैं। अल्ट्रा साउंड मशीन अस्पताल मे पिछले काफी वर्षों से सील पड़ी है। यहां तक की पिछले दिनों अस्पताल में लगे मल्टी स्पेशयलिटी कैंप के लिए भी ददाहू अस्पताल से अल्ट्रा साउंड मशीन लाई गई थी।